केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को जारी रखने को बुधवार को मंजूरी दे दी। जिसके तहत इसे मार्च 2021 से मार्च 2024 तक बढ़ाने की बात कही गई है। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिसके तहम ग्रामीण इलाकों में सभी को आवास सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में ग्रामीण क्षेत्रों में सभी को आवास के संबंध में आकलन किया गया था कि 2.95 करोड़ लोगों के पक्के मकान की जरूरत होगी । इसमें बड़ी संख्या में परिवारों को आवास प्रदान किये गए हैं ।
ठाकुर ने कहा कि शेष परिवारों को भी आवास मिल सके, इसके लिये इस योजना को 2024 तक जारी रखने का निर्णय किया गया है। सरकारी बयान के अनुसार, इस योजना के तहत शेष 1.55 करोड़ मकानों के निर्माण के लिये वित्तीय प्रभाव 2.17 करोड़ रुपये आयेगा।
जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 1.25 लाख करोड़ रुपये तथा राज्य की हिस्सेदारी 73,475 करोड़ रुपये होगी। इसके तहत नाबार्ड को अतिरिक्त ब्याज के पुन:भुगतान के लिये 18,676 करोड़ रुपये की अतिरिक्त जरूरत होगी।
2015 में केंद्र सरकार ने लॉन्च की थी योजना – पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत देश के पहाड़ी राज्यों में केंद्र और राज्य 90:10 के अनुपात में पैसे देते हैं। जबकि, मैदानी क्षेत्र के लिए यह अनुपात केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को पीएम मोदी ने साल 2015 में लांच किया था। ग्रामीण आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर की मरम्मत करवाने और घर बनवाने के लिए आर्थिक सहायता मुहैया दी जाती है।
केन-बेतवा प्रोजेक्ट होगा लिंक – मोदी सरकार ने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी है। 44,605 करोड़ रुपये की लागत से केन-बेतवा नदियों को जोड़ा जाएगा। यह एक राष्ट्रीय परियोजना होगी। इसमें केंद्र सरकार का कुल योगदान 90% होगा। अगले 8 साल में केन-बेतवा नदी को जोड़ने का यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट में 39317 करोड रुपये का योगदान करेगी।
(इनपुट सहित : भाषा/पीटीआई)