MOTOR INSURANCE POLICY चुनना होगा आसान, Cashless Facility समेत इन 4 बातों का रखें ध्यान
फीचर्स और फैसिलिटी के आधार पर आप बेहद सरलता के साथ आप अपने लिए मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी चुन सकते हैं।

कार या मोटरसाइकिल के लिए मोटर इंश्योरेंस लेना है, पर बाजार में ढेर सारी कंपनियां और उनकी उपलब्ध पॉलीसियों को लेकर भ्रम में हैं कि किसे चुनें और किसे छोड़ें, तब कुछ प्रमुख बातें आपके लिए इस काम को बेहद आसान कर सकती हैं। फीचर्स और फैसिलिटी के आधार पर आप बेहद सरलता के साथ आप अपने लिए मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी चुन सकते हैं। बस आपको इन चार बातों का ख्याल रखना होगाः
पॉलिसी का प्रकारः तय करें कि आपको कैसी पॉलिसी चाहिए। मतलब विस्तृत मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी या फिर सिर्फ थर्ड पार्टी लाइबिलिटी इंश्योरेंस। व्यापक मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में खुद के वाहन के नुकसान के साथ थर्ड पार्टी (TP) भी कवर होगी, जबकि TP पॉलिसी में दुर्घटना के दौरान तीसरे पक्ष को कवर मिलेगा।
क्या होगा ऐड-ऑनः यह देख लें कि आप पॉलिसी में अतिरिक्त राइडर जोड़ना चाहते हैं। मसलन Zero Depreciation Cover या फिर Hydrostatic Cover। विशेषज्ञ सुझाते हैं कि खासकर महंगी गाड़ियों के मामले में Zero Depreciation कवर लेना ही चाहिए। वहीं, Hydrostatic Cover के तहत जलभराव के कारण गाड़ी में आने वाली दिक्कतें कवर होती हैं।
कैशलेस फैसिलिटीः चेक करें कि कौन सी कंपनी ने कैशलेस क्लेम्स के लिए दूसरे ब्रांड्स के साथ टाइ-अप कर रखा है। मान्य गैराज पर कैशलेस सुविधा इमरजेंसी के दौरान काफी काम की साबित हो सकती है, क्योंकि तब उक्त व्यक्ति को कैशलेस कार इंश्योरेंस का क्लेम मिल सकेगा। रिंबर्समेंट के लिए बार-बार उसे परेशान नहीं होना पड़ेगा।
पोर्टेबिलिटीः मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी आमतौर पर पोर्टेबल (वहनीय) होती हैं। यानी इन्हें एक बीमाकर्ता से दूसरे पर शिफ्ट किया जा सकता है। खास बात है कि उस दौरान सभी बेनेफिट्स भी मिलते रहते हैं। एक्सपर्ट्स सुझाते हैं कि जब भी पॉलिसीधारक नए बीमाकर्ता के पास अपनी पॉलिसी पोर्ट/ट्रांसफर कराए, तब उन्हें सभी मिलने वाले लाभ चेक कर लेने चाहिए। मसलन NCB, IDV और Zero Depreciation आदि।