फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के मालिक किशोर बियानी की मुश्किल कम नहीं हो रही है। पहले से उन्हें फ्यूचर-अमेजन डील विवाद ने परेशान किया हुआ है और अब उनको NPA या डिफॉल्टर घोषित होने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। किशोर बियानी के लिए नया साल कुछ खास उम्मीद लेकर नहीं आया क्योंकि बीते काफी दिनों से फ्यूचर-अमेजन डील के विवाद और अब कर्ज अदायगी में देरी की वजह से कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे है। आइए जानते हैं, किशोर बियानी की नई परेशानी की वजह क्या है।
FRL सामने क्या है मुश्किल? किशोर बियानी की फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को 31 दिसंबर 2021 तक बैंकों और कर्जदाताओं का 3,494.56 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना था। लेकिन अमेजन के साथ चल रहे मुकदमे की वजह से फ्यूचर और रिलायंस की डील पूरी नहीं हो सकती और किशोर बियानी समय से कर्जदाताओं का पैसा वापस नहीं कर सके। इसी वजह से फ्यूचर रिटेल ने कर्ज अदा करने के लिए कुछ और समय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
FRL ने की सुप्रीम कोर्ट से ये मांग – फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट से कर्ज चुकाने के लिए छोटे आकार की दुकानों के मौद्रिकरण के लिए मसौदा समझौते के तहत निर्धारित समयसीमा को दिनांक 01.01.2022 की बैठक के अनुसार बढ़ाने का निवेदन किया है।
आपको बता दें कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड द्वारा देय तिथि (31 दिसंबर, 2021) तक कर्ज नहीं चुकाने पर कर्जदाताओं ने उसे कोविड-19 से प्रभावित कंपनियों के लिए एकमुश्त पुर्नगठन (ओटीआर) योजना के तहत 30 दिन का अतिरिक्त समय दिया। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने पिछले साल बैंकों और कर्जदाताओं के एक संघ के साथ ओटीआर योजना में प्रवेश किया था और इसके तहत उसे 31 दिसंबर, 2021 तक कुल 3,494.56 करोड़ रुपये चुकाने थे।
फ्यूचर ने अमेजन का ऑफर ठुकराया – अमेजन ने फ्यूचर रिटेल का वित्तिय सहयोगी की पेशकश की थी। जिसे फ्यूचर रिटेल के स्वतंत्र निदेशकों ने ठुकरा दिया। दरअसल अमेजन ने निजी इक्विटी फर्म समारा कैपिटल के साथ एक सौदे के जरिये फ्यूचर रिटेल को वित्तीय मदद की पेशकश की थी। हालांकि, फ्यूचर रिटेल की कुछ शर्तों पर बात नहीं बन सकी।