होम लोन नहीं चुका पा रहे? जानें ऐसी स्थित में क्या हैं आपके अधिकार, बैंक क्या-क्या एक्शन ले सकता है
Home Loan: हम सभी के मन में यह सवाल होता है कि अगर कोई अपना होम लोन न चुका पाए तो बैंक के पास क्या अधिकार होते हैं और कस्टमर के पास क्या अधिकार होते हैं?

Home Loan: कई लोग अपने खुद के घर के सपने को पूरा करने के लिए बैंक से होम लोन लेते हैं। वह घर खरीदकर अपने इस सपने को भी पूरा कर लेते हैं। लेकिन लोन की किस्त चुकाने में उन्हें परेशानी आती है या फिर किसी भी वजह से वह लोन चुकाने में अममर्थ हो जाते हैं। ऐसे में बैंक उनपर कार्रवाई करता है।
हम सभी के मन में यह सवाल होता है कि अगर कोई अपना होम लोन न चुका पाए तो बैंक के पास क्या अधिकार होते हैं और कस्टमर के पास क्या अधिकार होते हैं? आज हम आपको इन्हीं के बारे में बताएंगे। नियमों के मुताबिक ग्राहक द्वारा तीन महीने की लोन किस्त न चुका पाने की स्थिति में बैंक लोन को एनपीए घोषित कर देता है। और इसके बाद ग्राहक को लोन या किस्त चुकाने के लिए 60 दिन का समय दे दिया जाता है।
अगर इस टाइम पीरियड के दौरान ग्राहक लोन नहीं चुका पाता तो बैंक उसकी संपत्ति यानि घर की बिक्री कर सकता है। होम लोन सिक्योर्ड लोन होता है। इस वजह से इसमें आपकी प्रॉपर्टी पर कर्ज देने वालों का मालिकाना हक तब तक होता है जब तक कि आप लोन की पूरी रकम अदा नहीं कर देते हैं।संपत्ति की बिक्री के लिए बैंक की तरफ से 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाता है।
बैंक के मूल्यांकनकर्ता संपत्ति की असल कीमत को तय करते हैं। नीलामी का समय, दिन आदि के बारे में नोटिस जारी करना होता है। अगर ग्राहक को लगता है कि बैंक ने संपत्ति का जो रेट तय किया है वह सही नहीं है तो वह इसपर आपत्ति दर्ज कर सकता है और नीलामी में हिस्सा ले सकता है। वहीं नीलामी के बाद अगर पैसा बचता है तो उसपर ग्राहक का हक होता है और वह इसपर क्लेम कर सकता है। इसके अलावा लोन न चुकाने की स्थिति में बैंक आपको ग्रेस पीरियड दे सकते हैं और ब्याज दर में कमी कर सकते हैं।
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