दीन दयाल ग्रामीण कौशल्य योजना: स्किल ट्रेनिंग के साथ 1 लाख रु की वित्तीय मदद, रोजगार की टेंशन होती है दूर, जानें इसके बारे में सबकुछ
Deendayal Upadhyaya Rural Skill Scheme: सरकार योग्यता के आधार पर कैंडिडेट्स का चयन करती है। इस योजना में सरकार कुल आवंटित राशि में से 50% अनुसूचित जाति-जनजाति, 15% अल्पसंख्यकों के लिए और 3% विकलांग व्यक्तियों पर खर्च करती है।

Deendayal Upadhyaya Rural Skill Scheme: केंद्र सरकार ने 2014 में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की शुरुआत की थी। योजना के जरिए ग्रामीण युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर रोजगार पाने के लिए सक्षम बनाना है। ग्रामीण विकास मंत्रालय इस योजना का कामकाज देखता है। मौजूदा समय में यह योजना पूरे देश में लागू है।
इस योजना के जरिए सरकार ग्रामीण आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर उठा रही है। सरकार ने इस योजना के अंतर्गत 15 साल से 35 साल के युवाओं को अवसर प्रदान किए हैं। इसके जरिए 15-35 साल के युवाओं की कुशलता विकसित की जाती है। युवाओं को इस योजना के अंतर्गत बिजली, पाइपलाइन, हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य, निर्माण, ऑटो, चमड़ा आदि क्षेत्रों में स्किल ट्रेनिंग दी जाती है।
सरकार योग्यता के आधार पर कैंडिडेट्स का चयन करती है। इस योजना में सरकार कुल आवंटित राशि में से 50% अनुसूचित जाति-जनजाति, 15% अल्पसंख्यकों के लिए और 3% विकलांग व्यक्तियों पर खर्च करती है। वहीं कुल कैंडिडेट्स में से एक तिहाई संख्या महिलाओं की सुनिश्चित की गई है। गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान की जाती है।
ट्रेनिंग के बाद सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वे स्किल प्राप्त युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी मुहैया करवाएं। हालांकि परियोजना में शामिल एजेंसियां स्किलिंग और प्लेसमेंट में मदद करती हैं। खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत कैंडेडेट्स को 25 से लेकर 1 लाख रुपये प्रति तक की वित्तीय सहायता मुहैया करवाई जाती है। हालांकि यह मदद स्किल ट्रेनिंग योजना के प्रकार और प्रोजेक्ट की अवधि पर निर्भर करता है।
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