Fixed Deposit: कई बार ऐसा देखा जाता है कि अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर लोग अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तोड़ देते हैं। लेकिन ऐसा करने से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि अगर आप मैच्योरिटी से पहले (समय से पहले) एफडी तोड़ते हैं तो आपको कम ब्याज मिलेगा और साथ ही आपको पेनाल्टी भी देना पड़ेगी। मैच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ने के नुकसान और एफडी पर मिलने वाली लोन सुविधा के बारे में जानें।
मान लीजिए कि आपने एक साल के लिए 6% की दर से 1 लाख रुपये की एफडी करवाई है, लेकिन आप इसे 6 महीने बाद ही तोड़ देते हैं तब बैंक आपको 5% की दर से ब्याज देगा, न कि 6% की दर पर। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के नियमों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 5 लाख रुपये तक की एफडी कराता है और उसे मैच्योर होने से पहले तोड़ता है तो उसे 0.50 फीसदी की पेनाल्टी देनी होगी। इसी तरह 5 लाख से ज्यादा और एक करोड़ से कम की एफडी पर प्रीमैच्योर ब्रेक पर 1 फीसदी पेनल्टी देनी होगी।
मान लीजिए आप एक लाख रुपये की एफडी कराते हैं और आपको 6 फीसदी की ब्याज दर मिल रहा है। लेकिन आप समय पूरा होने से पहले इसे तुड़वाते हैं, तो आपको 6% नहीं बल्कि 5% (अलग बैंक के अलग रेट) की दर से ब्याज मिलेगा। यानी एक लाख का पांच हजार ब्याज मिलेगा लेकिन आपकी मूल रकम से 0.5% की पेनल्टी कटेगी। कुल मिलाकर आपको 1,04,500 रुपये मिलेगा। एफडी तोड़ने पर आपकी मूल एफडी की रकम के हिसाब से पेनाल्टी वसूल कर आपका पैसा दिया जाता है।
लेकिन यदि आप इसे समय से पहले नहीं तुड़वाते तो आपको एक लाख छह हजार रुपये मिलते। यानी इन आंकड़ों से पता चलता है कि समय से पहले एफडी तुड़वाने पर कुल 1500 रुपये का नुकसान हो सकता है।
वहीं आप FD की वैल्यू का 90 फीसदी तक लोन भी ले सकते हैं। मान लीजिए आपकी एफडी की वैल्यू एक लाख रुपए है तो आपको 90 हजार रुपए का लोन मिल सकता है। अगर आप एफडी पर लोन लेते हैं तो आपको फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से 1-2 फीसदी ज्यादा ब्याज लोन देना होगा। यदि आपको अपनी एफडी पर 4% ब्याज मिल रहा है, तो आपको 5% से 6% ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।