केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों को सैलरी (Central Employees) के साथ ही कई भत्ता भी दिया जाता है ताकि उनपर बाजार का अतिरिक्त बोझ न हो। इसी तरह महंगाई भत्ता भी कर्मचारियों को दिया जाता है। केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद से कर्मचारियों के सैलरी में अच्छा इजाफा देखा गया था। अब एक बार फिर सरकार महंगाई भत्ता बढ़ाने पर विचार कर रही है। लेकिन उससे पहले ही सरकार ने महंगाई भत्ता कैलकुलेशन से संबंधित नियमों में बदलाव किया है। आइए जानते हैं क्या है यह बदलावा और कैसे होता है महंगाई भत्ता कैलकुलेशन (7th Pay DA Calculation)।
7th Pay Commission के तहत केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर में महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी कर 31 फीसद कर दिया गया था। जिसके बाद से केंद्र सरकार ने इसके आधार वर्ष में परिवर्तन किया है। आधार वर्ष 2016 कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय ने कहा कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज की जगह लेगी। यानी अब डीए कैलकुलेशन का तरीका बदल जाएगा। जिसके तहत कर्मचारियों को ज्यादा फायदा हो सकता है।
क्यों आधार वर्ष में किया जाता है परिवर्तन
अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलाव के कारण समय समय पर आधार वर्ष में परिवर्तन किया जाता है। सरकार जो महंगाई के आंकड़ों के आधार पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है। ताकि महंगाई का बोझ कर्मचारियों पर अधिक न हो। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, दायरा बढ़ाने और सूचकांक को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए मजदूरी दर सूचकांक का आधार वर्ष 1963-65 से बदलकर 2016 किया गया है।
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महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन कैसे होता है?
अगर हम बात करें महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन की तो सरकार 6 महीने या इसके बाद महंगाई भत्ते में बदलाव करती रहती है। जिससे कर्मचारियों के सैलरी में बढ़ोतरी मिलती रहती है। अभी अक्टूबर में इसे बढ़ाकर 31 फीसद डीए किया गया है। महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी से गुणा कर निकाला जाता है।
3 फीसद बढ़ोतरी की उम्मीद
31 फीसद डीए के बाद अब कर्मचारियों को एक बार और बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है। अब महंगाई भत्ता 3 फीसद बढ़ाने की चर्चा की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों को 34 फीसद डीए दिया जाएगा और सैलरी में 20 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी होगी।