चार महीने की मासूम बच्ची के दिल में छेद होने की वजह से उसके माता पिता ने उसे बीएमसी द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां उसे आईसीयू में रखा गया था और उसके शरीर में ईसीजी मशीन लगाई गई थी। लेकिन 48 घंटे बाद शॉट सर्किट के चलते मशीन में आग लग गई, जिसके चलते मासूम की बांयी बांह और कान जेएल गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईसीजी मशीन में शॉट सर्किट के चलते चिंगारी भड़की जो फैलकर बिस्तर तक आ गई जिसके चलते बच्चे की बांह और कान जल गया। चार महीने के प्रिंस के 29 वर्षीय पिता पन्ने लाल राजभर और माता संध्या को ज़िंदगी भर इस बात का मलाल रहेगा कि उन्होने अपने पहले बच्चे को केईएम अस्पताल में भर्ती क्यों कराया।
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक आग बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई में गुरुवार रात के करीब 2.50 बजे लगी। इस इकाई में लगभग 40 बिस्तर हैं। डॉक्टरों के मुताबिक प्रिंस के बाएं हाथ और बाएं कान को इस हद तक नुकसान पहुंचा है कि उन्हें व्यापक त्वचा ग्राफ्ट की जरूरत होगी। उनकी पीठ में भी कुछ घाव हुए हैं। एक डॉक्टर ने कहा “केईएम डीन डॉ हेमंत देशमुख और बाल रोग विभाग प्रभारी डॉ मुकेश अग्रवाल प्लास्टिक सर्जन के साथ तुरंत प्रिंस के पास गए। उनके बाएं हाथ और कान को काफी नुकसान पहुंचा है।”
केईएम ने एक जांच शुरू की है और सभी ईसीजी मशीनों का गहन निरीक्षण किया गया है। भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में मेडिको-लीगल मामला दर्ज किया गया है। अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि बाल रोग गहन चिकित्सा इकाई में ईसीजी मशीनें एक साल पुरानी भी नहीं हैं। डीन, देशमुख ने कहा कि इस घटना से पूरा अस्पताल स्तब्ध है। उन्होंने कहा “इस तरह का कुछ केईएम में पहले कभी नहीं हुआ।”