हरियाणा के चरखी दादरी में बुजुर्ग दंपति ने सुसाइड कर लिया, सुसाइड नोट में बुजुर्ग ने अपने परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बुजुर्ग दंपति ने सुसाइड नोट में लिखा कि बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन बुजुर्ग माता-पिता को देने के लिए रोटी नहीं है। दंपत्ति का एक पोता आईएएस भी है। इस घटना के सामने आने के बाद जहां लोगों ने इस पर दुःख प्रकट किया तो वहीं पहलवान संग्राम सिंह ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पहलवान संग्राम सिंह ने कही ये बात
पहलवान संग्राम सिंह ने वीडियो जारी कर कहा है कि चरखी दादरी की घटना से बहुत दुःख हुआ है। हमें अपने बच्चों को परिवार में रहना सिखना चाहिए। लोग वेस्टर्न कल्चर के चलते परिवार से अलग हो रहे हैं। संग्राम सिंह ने कहा कि हम किस समाज में रहे हैं, एक पोता आईएएस है और एक इंजीनियर है, ये नालायक क्या देश चलाएंगे? हम बच्चों को कौन से संस्कार दे रहे हैं?
“माता-पिता, गुरु ही भगवान है”
संग्राम सिंह ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को, बड़े छोटे भाई को, पड़ोस के बच्चों को संस्कार दो। जिस घर का बुजुर्ग खाना ना मिलने से सुसाइड कर ले रहा है, उस घर का क्या होगा? भले ही कोई करोड़ो कमा रहा हो लेकिन उससे बड़ी कोई चीज नहीं है कि बेटा अपने मां-बाप के साथ बैठकर खाना खा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग क्यों बच्चों को रेस के घोड़े, मशीन और कम्यूटर बना रहे हैं? बच्चों को परिवार की अहमियत और संस्कार देना चाहिए। माता-पिता, गुरु ही भगवान है, जो इनकी इज्जत नहीं करेगा, वो कभी सफल नहीं हो पायेगा।
ये क्या देश चलाएंगे?- संग्राम सिंह
पहलवान संग्राम सिंह ने कहा है कि आदमी सफल आत्म संतुष्टि से होता है, शांति से होता है। ऐसे आईएएस जिनके दादा भूखे रहकर सुसाइड कर रहे हैं, ये क्या देश चलाएंगे? ये तो देश का सत्यानाश ही करेंगे ना? इनमें किसी चीज की क्या वैल्यू होगी? मुझे इस घटना से बेहद दुःख पहुंचा है। अपने आस-पास के बुजुर्गों का हमें ख्याल रखना है। यही हमारा फर्ज है। पहले परिवार साथ रहते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है।
संग्राम सिंह ने लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि एक मां-बाप पांच-छह बच्चों को पालकर बड़ा कर देते हैं, क्या सारे बच्चे मिलकर मां बाप को पाल नहीं सकते? उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने हमसे हमारी हीरे जवाहरात छीन लिए, हमारे कल्चर को छीन लिया और अब परिवार भी छीन रहे हैं। परिवार में एकजुटता जरूरी है।