उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की शुरुआत 10 फरवरी से होने जा रही है। 19 साल बाद ऐसा होगा, जब कोई सीएम विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा था कि सीएम योगी मथुरा या अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होते ही ये साफ़ हो गया कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।
19 साल बाद कोई मुख्यमंत्री लड़ेगा चुनाव: टीवी9 भारत वर्ष को दिए गए इंटरव्यू में सीएम योगी आदित्यनाथ से पूछा गया कि 19 साल बाद कोई मुख्यमंत्री चुनाव लड़ने जा रहा है, इसके पीछे क्या वजह है? इस पर जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए दम होना चाहिए। जिसके अंदर दम होगा, वही चुनाव लड़ेगा।
अयोध्या से चुनाव क्यों नहीं लड़े योगी आदित्यनाथ: चर्चा ये भी थी कि क्या योगी आदित्यनाथ का मन अयोध्या से चुनाव लड़ने का है? इस सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि मेरा अयोध्या से चुनाव लड़ने का कोई मन नहीं था। मेरे पास ऑफर कई जगहों से थे लेकिन अयोध्या हमारा धाम है, हमारी आस्था है। अयोध्या आंदोलन से मेरी तीन पीढियां जुड़ी रही हैं। अयोध्या में मैं कभी राजनीतिक कारणों से नहीं जाता।
मथुरा के विकास का क्या मॉडल होगा? योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने अयोध्या में दीपोत्सव शुरू किया। जो आज अयोध्या का ब्रांड बन चुका है। बरसाने में रंगोत्सव हमने शुरू किया। मथुरा का विकास किस मॉडल पर करना चाहते हैं काशी या अयोध्या? इस पर सीएम योगी ने कहा कि जो अनुकूल होगा, उस तरह का विकास मथुरा में किया जाएगा।
बता दें कि शुरुआत में योगी आदित्यनाथ के मथुरा और फिर अयोध्या से चुनाव लड़ने की बात सामने आई लेकिन बीजेपी से उन्हें गोरखपुर से चुनाव लड़ने का टिकट मिला है। इसके बाद अखिलेश यादव ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव में उतर रहे हैं।
10 फ़रवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मतदान होना है। जिसके मद्देनजर सभी पार्टियों का ध्यान इस वक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर हैं। नाराज वोटरों को बीजेपी मनाने की कोशिश कर रही है और इसकी जिम्मेदारी खुद गृह मंत्री अमित शाह ने ली है। वहीं अखिलेश यादव भी पश्चिमी यूपी में रालोद के साथ मिलकर बीजेपी को टक्कर दे रहे हैं।