कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने ब्रिटिश सांसदों से बातचीत के दौरान कहा कि हमारे यहां सांसद में विपक्षी नेताओं के माइक बंद कर दिए जाते हैं। राहुल गांधी के इस बयान के बाद से ही तमाम लोग इस पर पलटवार कर रहे हैं। इसी बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी राहुल गांधी पर बिना नाम लिए पलटवार किया, तो तमाम लोग पद की मर्यादा का जिक्र करने लगे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत ऊपर जा रहा है तो कुछ लोगों ने ठान ली है कि भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। कोई बाहर जाकर कहता है कि संसद में माइक बंद कर दिया जाता है, ये कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। हां, देश में संकट आया था आपातकाल में, माइक भी बंद हुआ था और लोगों को जेल में भी डाला गया था। यदि आप चाहते हैं कि आपका सांसद अच्छा व्यवहार करे तो आपकी जिम्मेदारी है, आप उसे प्रोत्साहित ना करें बल्कि कुंठित करें।
सोशल मीडिया पर तमाम लोग इस पर तरह-तरह की टिपण्णी कर रहे हैं। अमित कोहली नाम के यूजर ने लिखा कि किसी पार्टी के उपराष्ट्रपति नहीं हैं महोदय आप, देश के हैं। राजनीति से प्रेरित होकर बयान आपको शोभा नहीं देते, अपने पद की गरिमा का कुछ तो खयाल कीजिए। एक यूजर ने लिखा कि संवैधानिक पद से राजनीतिक बयान दिया गया है। एक यूजर ने लिखा कि भारत के माननीय उपराष्ट्रपति हैं और राहुल गांधी के बारे में बोल रहे हैं, दुनिया के सबसे असफल नेता जो लंदन में भारत के बारे में गलत अफवाह उड़ाते हैं।
@BarghavaV यूजर ने लिखा कि भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष के रूप में, क्या उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार नहीं है? तुरंत आप उन्हें संघी और बीजेपी की कठपुतली कहने लग जाते हैं? @Deka1Kamal यूजर ने लिखा कि उपराष्ट्रपति ने वही बोला है जो देश के लोगों की भावना है। प्रदीप गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा कि अरे अंकल जी, ये काम आपका नहीं है, इसके लिए संबित पात्रा , गौरव भाटिया , प्रेम शुक्ला जैसे लोगों को रखा हुआ है बीजेपी ने।
बता दें कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने ये भी कहा, मैं राजनीति में पक्षपातपूर्ण रुख में शामिल नहीं हूं, ना ही मैं कोई हितधारक हूं। लेकिन मैं संवैधानिक कर्तव्य में विश्वास करता हूं। अगर मैं मौन हो गया तो इस देश के लोकतंत्र पर विश्वास करने वाले अधिकांश लोग हमेशा के लिए खामोश हो जाएंगे।