उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) के एक बयान की इस वक्त खूब चर्चा हो रही है, सोशल मीडिया पर भी सीएम योगी का बयान वायरल हो रहा है। राजस्थान (Rajasthan) के जालौर (Jalore) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है। हम सब अपने स्वार्थों से ऊपर उठ करके इस राष्ट्रीय धर्म से जुड़ते हैं।
सनातन धर्म पर क्या बोले सीएम योगी?
सीएम योगी (UP CM Yogi Adityanath) ने आगे कहा कि हमारा देश सुरक्षित हो। मान बिंदुओं की पुर्नस्थापना, गौ ब्राह्मण की रक्षा हो। उन्होंने कहा कि अगर हमारे तीर्थस्थल अपवित्र हुए तो उनकी पुर्नस्थापना के अभियान चले। इसी क्रम में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के प्रयास से अयोध्या (Ayodhya) में 500 साल बाद राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से जाति, धर्म और मजहब के भेदभाव को छोड़कर एकता देखने को मिल रही है, सभी को दैनिक जीवन में स्वीकार करना होगा। हमारा सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है।
कांग्रेस नेता उदित राज ने किया ये ट्वीट
सीएम योगी के बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj Congress) ने लिखा कि हमारा सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म: बोले CM योगी। मतलब सिख , जैन, बौद्ध, निरंकार, ईसाई और इस्लाम धर्म ख़त्म। @shadab_chouhan1 यूजर ने लिखा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भारत के संविधान निर्माताओं ने भारत को धर्मनिरपेक्ष बनाया। निश्चित हर नागरिक को स्वतंत्रता है अपने धर्म का पालन करने की। भारत का अगर कोई धर्म हो सकता है तो संविधान के मौलिक अधिकार हैं जिसमें सबको बराबरी का दर्जा प्राप्त है। आपकी भाषा संविधान विरोधी है।
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
@imvarun2023 यूजर ने लिखा कि बताओ, देश में मुख्यमंत्री क्या बोल रहे हैं? सनातन धर्म को राष्ट्रीय धर्म कहने की जरुरत क्यों पड़ी? क्या फिर से धर्म पर चुनाव होगा?@Aditya0701 यूजर ने लिखा कि एक योगी के लिए ये श्रेष्ठ बात है, लेकिन महाराज सीएम की कुर्सी पर भी आप ही बैठते हैं, यह क्या भूल गए हैं? @ChaudharyAmres4 यूजर ने लिखा कि तो क्या देश सिख, ईसाई, मुसलमान, जैन भगा दिए जायेंगे?
@pelpendicularr यूजर ने लिखा कि मुझे नहीं लगता कि योगी ने कभी संविधान पढ़ा है। क्या उन्हें 42वें संविधान संशोधन के बारे में कुछ पता है? भारत स्पष्ट रूप से एक बहुसंख्यकवादी देश में बदल रहा है। @seemaprasad4 यूजर ने लिखा कि भारत का राष्ट्रीय धर्म पंथनिर्पेक्षता है और राष्ट्रीय पुस्तक हमारा संविधान है, आप अपने घर, परिवार और समाज में सनातनी, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई,जैन, पारसी हो सकते हैं,यह हमें संविधान सिखाता है, संविधान की शपथ खाकर संविधान के खिलाफ वक्तव्य नहीं देना चाहिए।