ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कथित शिवलिंग और मस्जिद पर जगह – जगह त्रिशूल का निशान दिखाई दे रहा है। इसी विषय पर जानकारी दे रहे टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के पत्रकार सुशांत सिन्हा ने सवाल किया कि क्या सच्चाई सामने नहीं आनी चाहिए? जिस पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी।
दरअसल, सुशांत सिन्हा ने स्क्रीन पर महाकाल मंदिर के शिवलिंग, ज्ञानवापी मस्जिद के कथित शिवलिंग और सोमनाथ मंदिर के शिवलिंग को दिखाते हुए दावा किया कि यह तीनों एक जैसे ही दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या आपको नहीं लगता कि सच्चाई सामने आनी चाहिए? क्या अदालत को इसकी जांच नहीं करानी चाहिए? उन्होंने कहा कि इस देश के हर धर्म के लोग इस तस्वीर को देखें और सवाल करें, क्या इसमें कोई फर्क लगता है? सुशांत सिन्हा ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर कर पूछा कि फव्वारा या शिवलिंग?
यूजर्स के जवाब : एंकर द्वारा पूछे गए सवाल पर सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह की प्रतिक्रियाएं देते नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों ने उनकी बातों का समर्थन किया है तो वहीं कुछ लोग ट्रोल करते नजर आ रहे हैं। परमार नाम के एक टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि जब ज्ञानवापी के वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि वह शिवलिंग है तो उसे फाउंटेन क्यों बताया जा रहा है?
इनायत मसूरी नाम के एक यूजर ने लिखा – जज साहब से अनुरोध है कि वह अपना काम छोड़ दें क्योंकि उनका काम कोई और करने लगा है। @AAP_Warrier नाम के टि्वटर हैंडल से कमेंट आया, ‘ मुगल काल में बनाई गई सभी मस्जिदों में वजू के लिए ऐसे हौज बनाए गए हैं। जिसमें पानी कई दिनों तक रहने के चलते खराब ना हो इसलिए भौतिक शास्त्र की संकल्पना पर आधारित बिना बिजली गुरुत्वाकर्षण के नियम पर चलने वाले फव्वारे बनाए गए थे।
धर्मवीर नाम के एक यूजर सवाल करते हैं कि भाई कुछ और काम है या नहीं? आदित्य ओझा ने लिखा – यही करते रहो तुम, देश में और कोई समस्या तो जैसे है ही नहीं। रवि नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि इससे अच्छा विश्लेषण नहीं हो सकता, सच सबके सामने लाने की जिम्मेदारी हम सब की है। शहजाद नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि कोर्ट का फैसला आने दो, क्यों फालतू लोगों को भड़का रहे हो? कोर्ट का फैसला आएगा तो सब मान लेंगे। अभी आमजन से जुड़े सवालों को सरकार से पूछो।