डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim) को एक बार फिर 40 दिन के पैरोल दे दी गई है। सोशल मीडिया पर लोग अब इस पैरोल को लेकर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि आखिरी 40 दिन की पैरोल पिछले साल 25 नवंबर को ही खत्म हुई थी। पैरोल पर बाहर आने के बाद राम रहीम 40 दिन यूपी के बरनावा आश्रम में रहेगा सोशल मीडिया पर राम रहीम को मिले पैरोल पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
फिल्ममेकर विनोद कापड़ी (Vinod Kapri) ने लिखा कि 55 दिन बाद बलात्कारी को फिर से 40 दिन की परोल, कितने अच्छे दिन आए हैं, गुंडों- बलात्कारियों की जय जय हो रही है। @MamtaTripathi80 यूजर ने लिखा कि बाबा राम रहीम ने तो सच में क्रांति कर दी। बलात्कार की सज़ा काट रहे राम रहीम को फिर से 40 दिन की पैरोल मिली। जबकि ख़ुशी दुबे को बेल मिलने के बाद भी वो जेल से रिहा नहीं हो पाई है।
स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal, DCW) ने कहा कि “बलात्कारी हत्यारे राम रहीम को एक बार फिर 40 दिन की पैरोल दे दी गई है, बेशर्मी की सारी हदें पार हो चुकी हैं। देशवासी अपनी बेटियों को बचायें, बलात्कारी आजाद घूमेंगे!” इतना ही नहीं स्वाति मालीवाल ने तो सीएम मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफ़ा भी मांग लिया है। उदित राज ने लिखा कि अब भी किसी को शक है कि क़ानून सबके लिये बराबर है तो भ्रम तोड़ दे। राम रहीम को 6 बार पैरोल दिया जा चुका है और अब 7वें बार मिलने जा रहा है। बीजेपी के लिये सोने की अंडा देने वाली मुर्गी बन गया है।
@anuranjan_ndtv यूजर ने लिखा कि आज कल मौजूदा सरकार में बलात्कारी को संस्कारी की उपाधि दी है बाकी देश के लोग अपनी अपनी बेटियों को बचाने का इंतजाम स्वयं करें। @Pandsush यूजर ने लिखा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता लग रही है बलात्कारियों का संरक्षण। एक यूजर ने लिखा कि इसमें कोई शक नहीं कि ये सरकार बेशर्म है। बलात्कारियों के लिए विशेष छूट है। @AwadheshKumarG1 यूजर ने लिखा कि महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए भाजपा के अमृत काल का एक छोटा सा नमूना है।
बता दें कि राम रहीम को इससे पहले पिछले साल 2022 में 3 बार पैरोल मिली थी और वह 91 दिन जेल से बाहर रहा था। इससे पहले उसे 40 दिन के पैरोल मिली थी जो 25 नवंबर को ही खत्म हुई थी, इसके अनुसार 56 दिन बाद एक बार फिर उसे पैरोल मिल गई है। राम रहीम सिरसा स्थित आश्रम में महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहा है। विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था।