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स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- प्रतिबंधित हो मनुस्मृति, शिव की पूजा करती उनकी बेटी की फोटो शेयर कर लोगों ने किया ट्रोल

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का जिक्र करते हुए एक ट्ववीट किया है।

Swami Prasad Maurya| Swami Prasad Maurya Photo| Swami Prasad Maurya RSS|
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (फोटो सोर्स- इंडियन एक्सप्रेस)

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म ग्रंथों को लेकर लगातार विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने मनुस्मृति को लेकर एक किया तो सोशल मीडिया यूजर्स उनकी बेटी व बीजेपी से सांसद संघमित्रा की शिव भगवान की पूजा करती एक फोटो शेयर कर ट्रोल किया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया ऐसा ट्वीट

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का जिक्र करते हुए लिखा, “संघ प्रमुख जी, जब तक मुंह, बाहुं, जंघा व पैर से वर्ण पैदा करने वाले मनुस्मृति सहित अन्य तमाम ग्रन्थ रहेंगे तब तक जातियां रहेंगी और जब तक जातियाँ रहेंगी तब तक छुआछूत, ऊंचनीच, भेदभाव व असमानता भी रहेगा यदि जातियां खत्म करनी ही है, तो पहले विषाक्त ग्रंथ व साहित्य प्रतिबंधित करायें।”

यूजर्स ने किया ट्रोल

@samyak_samaj नाम के एक यूजर ने शिव की पूजा करती संघमित्रा मौर्य की फोटो शेयर कर लिखा,”ये वाला ज्ञान अपनी पुत्री को क्यों नहीं देते हो जनाब?” @Sanjay_Sang90 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- ये ज्ञान अपनी बेटी संघमित्रा को कब दे रहे हो? वो तो शिव भक्त बनकर शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ा रही हैं। @ashufd नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,”पहल आप लोग करें। जाति प्रमाण पत्र जो लाइन में खड़े होकर बनवाते हो, उसका त्याग करो। उसको नष्ट कर, अपना प्रमाण दो तब आगे बात होगी।”

@jpsingh05486891 नाम के एक यूजर ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन कर लिखा- जातिवाद, छुवाछुत फैलाने वाले वाले धर्म के ग्रंथों को बैन करना चाहिए ,नहीं तो संशोधन करो। @AshishT29795560 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया,”ये देश संविधान से चल रहा है और आस्था अपना निजी विषय है। उसपर कोई रोक नहीं लगा सकता है, ये संविधान में लिखा है।” @VikasCh46883934 नाम के एक यूजर द्वारा लिखा गया,”आप पहला काम तो अपनी बेटी का इस्तीफा कराइये तो कोई बात सुनेगा।

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर कई तरह के सवाल उठाए थे। वहीं, मामला बढ़ता देख हाल में ही अखिलेश यादव द्वारा सपा नेताओं को नसीहत दी गई कि वह रामचरितमानस को लेकर किसी भी तरह की बयानबाजी ना करें।

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First published on: 20-02-2023 at 16:35 IST
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