समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या रामचरितमानस को लेकर दिए अपने बयान को लेकर विवादों में बने हुए हैं। एक बार फिर स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि रामचरितमानस का पाठ करने की मांग करने वाले लोग महिलाओं, दलितों और पिछड़ों के विरोधी है। सपा नेता मौर्य का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूपी सरकार मंदिरों और शक्तिपीठों में रामायण और दुर्गा सप्तशती के पाठ के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या बोला?
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस पर कहा है कि अब पूरे देश में लोगों ने अपने आप रामचरितमानस का पाठ कराना बंद कर दिया, इसलिए सरकार अपने खर्चे से मानस की पाठ कराने पर मजबूर हो रही है। ऐसा करके देश की महिलाओं एवं आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को नित्यप्रति अपमानित करने की साजिश की जा रही हैं। जो लोग रामचरितमानस पाठ को पढ़ाने की बात कर रहे हैं वो इस देश की महिलाओं, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के सम्मान के दुश्मन हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर लोग तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।
अर्पित आलोक मिश्रा ने लिखा कि कहां से रिपोर्ट मिली आपको कि देश में रामचरितमानस का पाठ बंद हो गया है, खुद को सिद्ध करने में कितना झूठ बोलेंगे नेताजी? @AshuShahi_ यूजर ने लिखा कि आप तो शुरुआत में कह रहे थे कि आप रामचरित मानस के ख़िलाफ नहीं बल्कि उसके कुछ अंश के ख़िलाफ हैं, फिर अब पूरे देश में रामचरित मानस के पाठ को ही बंद करने की बात क्यों करने लगे? श्याम वर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि पाठ कराना समाज का काम है न कि सरकार का।
एक यूजर ने लिखा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जी आप सपा को डूबा देंगे यह मेरा वादा है और भी मुद्दे हैं चुनाव लड़ने के लिए अपने ग्रंथ पर गलत आलोचना करना बंद करो और मैं पुनः निवेदन राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी से करूंगा इन पर अंकुश लगाएं। हरीश नाम के यूजर ने स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब देते हुए लिखा कि तुम बहुत बढ़िया काम कर रहे हो, पूरा उत्तर प्रदेश चाहता है कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव जी की हर बूथ पर जमानत जब्त हो। नवीन नाम के यूजर ने लिखा कि सरकार अगर धार्मिक आस्थाओं को प्रबल करने के लिए काम कर रही है तो गलत क्या है? अपने शीर्ष नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश जी से पूछिए कि वो मानस पाठ और नवरात्रि पूजा क्यों करते हैं? वैसे करारा तमाचा मारा है बाबा जी ने रामचरितमानस का विरोध करने वालों के मुंह पर।
बता दें कि रामचरितमानस पर बैन लगाने की मांग कर चुके स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर खूब विवाद हुआ था। इस विवाद के चलते समाजवादी पार्टी के नेताओं की भी राय बंटी हुई दिखाई दी थी। सोशल मीडिया पर कई सपा नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का विरोध किया था, जिसके बाद सपा ने दो नेताओं रोली तिवारी और ऋचा सिंह पर कार्रवाई कर पार्टी से निष्काषित कर दिया था।