यूपी सरकार में पूर्व मंत्री और मौजूदा समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात कर रहे हैं। 14 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा ज्वाइन किया था, तब से लेकर अभी तक एक सवाल उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है कि जब सरकार पांच साल तक काम नहीं कर रही थी तो आप मंत्री क्यों बने रहे? और जब चुनाव आया तो इस्तीफ़ा क्यों दिया? इस पर सपा नेता ने जवाब दिया है।
स्वामी प्रसाद के खिलाफ मैदान में उतरेंगे आरपीएन सिंह?: यूपी विधानसभा चुनाव की शुरुआत 10 फ़रवरी से होने जा रही है। अभी नेताओं के पाला बदलने की प्रकिया जारी है। कांग्रेस के बड़े नेता माने जाने वाले आरपीएन सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि आरपीएन सिंह को बीजेपी, स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना विधानसभा सीट से मैदान में उतार सकती है। इसी पर चर्चा के दौरान जब स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा गया कि मंत्री आप थे, रोजगार देने की जिम्मेदारी आप पर थी तो आपने पार्टी क्यों छोड़ दी?
“मैं जनादेश का सम्मान कर रहा था”: इस पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि जो जनादेश मिला था, मैं उसका सम्मान कर रहा था। बीजेपी के लोगों का चेहरा बदल गया लेकिन चरित्र नहीं बदला। उचित समय आने पर मैने अपना फैसला ले लिया। चिंता उनको होनी चाहिए, जिन्होंने मलाई खाई है। मैं मंत्री रहूं या ना रहूं, मैं हमेशा मस्त रहता हूं। कार्यकर्ताओं से घिरा रहता हूं।
“पांच साल तक क्या रहे थे आप”?: जब एंकर ने सवाल पूछा कि श्रम रोजगार मंत्री आप थे, रोजगार देने की जिम्मेदारी आप पर थी, बीजेपी वाले मतभेद कर रहे थे तो आप पांच साल तक क्या कर रहे थे? इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं कि आप बहुत सीनियर पत्रकार जरूर हैं लेकिन चैनल का मालिक जिस खबर को दबा देता है और उसे चाहकर भी आप नहीं दिखा सकती। कैबिनेट में रहने के बाद भी मैंने कई बार फैसलों का विरोध किया। मंत्री होने के नाते मैं चैनल पर अपनी बात नहीं रख सकता था। स्वामी प्रसाद मौर्य के उदाहरण पर एंकर ने जवाब देते हुए कहा कि राजनीति में ये सब चलता होगा लेकिन हमारे चैनल में ये सब नहीं होता, जो खबरें होती है वो चलती हैं।
बता दें कि पडरौना से चुनाव लड़ने की बात पर स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि मुझे चुनाव कहां से लड़ना है, ये समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करेंगे। वो जो भी जिम्मेदारी देंगे, मैं उसका स्वागत करूंगा।