समसामयिक मुद्दों को लेकर समाचार चैनलों पर होने वाली डिबेट के दौरान अक्सर ही पैनलिस्ट दूसरे पक्ष के लोगों के साथ भिड़ जाते हैं। कानपुर हिंसा के मामले पर हो रहे एक टीवी डिबेट के दौरान लेखक शांतनु गुप्ता ने समाजवाद संरक्षक व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का नाम लिया तो सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया (Anurag Bhadoria) भड़क गए।
दरअसल, यह टीवी डिबेट ‘आज तक’ न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम ‘दंगल’ में हो रही थी। डिबेट के दौरान लेखक ने PFI को लेकर एंकर द्वारा पूछे गए सवाल पर कहा कि बीजेपी से निकाली गई नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की डिबेट तहसीन रहमानी के साथ हुई थी। जो पहले PFI से जुड़े भी रहे हैं। उसके बाद इसी संगठन द्वारा कानपुर में दंगा कराया जाता है, जहां पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह PFI SIMI (Students Islamic Movement of India) का रूप है, जिसे मुलायम सिंह यादव बचा कर रखना चाहते थे। लेखक ने दावा किया कि जब SIMI पर बैन लगाया जा रहा था तो उसे बचाने के लिए सबसे पहले मुलायम सिंह यादव आगे आए थे। उसी PFI को अनुराग भदौरिया बचाने में लगे हुए हैं। इस बात पर भदौरिया भड़क गए।
उन्होंने चिल्लाते हुए कहा कि अपनी सरकार के दौरान आप लोगों ने PFI को बैन क्यों नहीं किया? अब बताना चाह रहे हो कि उत्तर प्रदेश की सरकार निकम्मी है। दोनों के बीच बढ़ती तकरार को देखकर एंकर ने टोकते हुए कहा कि अगर आप दोनों एक साथ बोलेंगे तो किसी की भी बात समझ में नहीं आएगी। भदौरिया द्वारा कहा गया कि क्या यह सरकार केवल झुनझुना बजाने के लिए है। यह आज की परिस्थिति पर जवाब देने के बजाए इतिहास की बात कर रहे हैं।
शांतनु गुप्ता ने कहा कि मैं इनके साथ लगभग 100 डिबेट कर चुका हूं, यह हर डिबेट में इसी तरह चिल्लाने लगते हैं। इनका फीडर डाउन रखा करिए। भदौरिया ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि आपको यहां पर केवल झूठ बोलने के लिए बैठा दिया जाए। शांतनु गुप्ता ने कहा, ‘आपको जनता ने नकार दिया लेकिन फिर भी आपको समझ में नहीं आ रहा है।’ सपा नेता ने जवाब में कहा कि जनता ने तो बहुत दिन अंग्रेजों का भी साथ दिया था।