ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद जारी है। नेता और धार्मिक संगठन से जुड़े लोग इस पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। जब से ज्ञानवापी मस्जिद से शिवलिंगनुमा आकृति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। तब कुछ लोग शिवलिंग के आकार की दिखने वाली कई चीजों की तस्वीर शेयर कर तंज कस रहे हैं। सबा नकवी ने भी ऐसा किया था हालांकि उन्होंने ट्वीट डिलीट कर माफी मांग ली है।
सबा नकवी ने एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें एक तस्वीर शिवलिंग की थी तो दूसरी तस्वीर में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के गुंबद को दिखाया गया है। दोनों की तुलना करने वाली तस्वीर शेयर कर सबा नकवी ने लिखा था कि ‘ये मुझे व्हाट्सअप्प पर मिला। सोशल मीडिया पर सबा के इस पोस्ट पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी तो उन्होंने उसे डिलीट कर दिया। हालांकि उनके इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल हो गया।
पत्रकार आलोक श्रीवास्तव ने ट्विटर पर लिखा कि ‘वैसे तो सबा नकवी ने ये ट्वीट डिलीट करके माफी मांगी है। लेकिन सबा से सवाल – क्या कभी गलती से भी आसमानी किताब पर कोई व्हाट्सएप फॉरवर्ड किया है? नहीं किया होगा क्योंकि पता है वहां माफी मांगने का मौका भी नहीं मिलेगा। फिर भी ये लोग कहते हैं कि हिंदू असहिष्णु हैं!” सोशल मीडिया पर लोग अब अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पंकज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हमें भी कई चीजें what’s App पर मजहब के लिए मिलती है लेकिन सभ्य,साक्षर नागरिक की जिम्मेदारियों के कारण हम आगे नहीं फैलाते हैं। और कुछ असभ्य लोग ‘सबा’ जैसे व्यक्तियों की हिम्मत नहीं है कि ‘ग़लत को ग़लत’ बता सकें!’ राज वर्धन जोशी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये सवाल वैसे वैज्ञानिकों से किया जा सकता है।सम्भवतः कोई कारण हो इस विशेष वनावट में। हो सकता है ये आकार शिवलिंग से प्रेरित होकर ही दिया गया हो।’
आरके नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इनको आदत पड़ गयी है, हिन्दुओं और उनके भगवान का अपमान करने की क्योंकि आज तक इनमें से किसी के खिलाफ ना कोई FIR हुई और ना किसी को कोई सजा मिली।’ एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘इनके धर्म के खिलाफ कोई कार्टून भी छाप दो तो पूरा धर्म खतरे में आ जाता है व लोगों को मारना शुरू कर देते हैं जबकि दूसरे के खिलाफ जो मर्जी बोलते रहो!’
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर किए गये विवादित ट्वीट पर सबा नकवी ने माफी मांगते हुए लिखा कि “मैंने एक व्हाट्सएप फॉरवर्ड मैसेज शेयर किया जिसे मैंने डिलीट कर दिया है जो मुझे दिन में कई लोगों द्वारा भेजा गया था। क्षमा करें अगर इससे कोई अपराध हुआ है। ईमानदारी से मेरा किसी की भी आस्था का मजाक उड़ाने का इरादा बिल्कुल नहीं है। एक गलती हो गई। शुक्रिया”