भारत अपना 74 वां गणतंत्र दिवस (74th Republic Day) मना रहा है। सभी अपने – अपने तरीके से सोशल मीडिया पर गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं। इस बीच फिल्म अभिनेता रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने भी अपनी सोशल मीडिया हैंडल से गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इसमें उन्होंने पुराने संविधान प्रस्तावना शेयर की। जिसको लेकर लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं।
रितेश देशमुख ने दी गणतंत्र दिवस की बधाई
रितेश देशमुख गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए संविधान की प्रस्तावना की पुरानी प्रति शेयर की। जिसके साथ उन्होंने लिखा, “इससे ऊपर कुछ भी नहीं, गणतंत्र दिवस की बधाई। मेरा भारत महान, जय हिंद।” रितेश देशमुख द्वारा किए गए इसी पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स संविधान की पुरानी प्रस्तावना की प्रति लगाए जाने पर सवाल कर रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने पूछा कि इसमें धर्मनिरपेक्षता कहां है?
सोशल मीडिया यूजर्स के सवाल
@SurwadeSonu नाम के एक यूजर ने लिखा,”डॉ. अम्बेडकर ने भारत के संविधान में भारत को हमेशा संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित किया है।” @dudechetta नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- ये पुराना है, नया वाला देखिये। @iamMS21 नाम के एक यूजर ने सवाल किया- इसमें सेक्युलर कहां गया? @MilindBam नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि दिलचस्प है कि आपने मूल प्रस्तावना की प्रति शेयर की है। मूल में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द शामिल नहीं किये गए थे। ये शब्द बाद में 1976 में डाले गए थे।
@kush_tho नाम के एक यूजर ने लिखा- आपने पुरानी प्रस्तावना की तस्वीर पोस्ट की है.. कृपया इसे बदल दें। संशोधित में 3 और शब्द हैं – समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता। पत्रकार अनंत विजय ने कमेंट किया कि रितेश जी, आपने संविधान की मूल प्रस्तावना लगाकर अच्छा किया। यही हमारे संविधान की मूल आत्मा है। बाद में इससे छेड़छाड़ कर बदला गया। @AbhiP_09 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया,”ऐसा लगता है कि आप संशोधित प्रस्तावना से सहमत नहीं हैं। जिसमें धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद जोड़ा गया है, या पोस्ट करने से पहले आपने इसे पढ़ा भी नहीं है।
@abhijeetpTOI नाम के एक ट्विटर हैंडल से नए संविधान की प्रस्तावना की प्रति की फोटो शेयर कर लिखा गया कि यह नई प्रस्तावना है, क्या ‘समाजवादी धर्मनिरपेक्ष’ शब्द एक पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे के लिए मायने नहीं रखता, जो मूल रूप से कांग्रेसी थे? जिसके जवाब में रितेश देशमुख ने लिखा कि हमारे संविधान से ऊपर कुछ नहीं, गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं। जानकारी के लिए बता दें कि 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद, पंथनिरपेक्ष व अखण्डता शब्द जोड़े गए थे। जिसको लेकर लोगों की अलग-अलग राय है।