भारतीय किसान यूनियन में पड़ी फूट के बाद राकेश टिकैत और उनके बड़े भाई नरेश टिकैत से नाराज होकर कई किसान नेताओं ने एक अलग संगठन बना लिया है। नाराज लोगों ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के नाम से संगठन का गठन किया है। इस नए संगठन का अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान को बनाया गया है। संगठन में हुए बड़े फेरबदल के बाद राकेश टिकैत मीडिया के सामने आए और जब उनसे इस बदलाव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि क्या पता, लोगों को क्या हो गया?
पत्रकारों ने राकेश टिकैत ने सवाल पूछा कि संगठन में हुए इस बदलाव के पीछे क्या कारण है? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि ‘क्या पता, क्या कारण था? कोई दबाव रहा होगा, जिस तरह ये लोग अब बिल का समर्थन कर रहे हैं उससे तो लगता है कि इसके पीछे राजनीतिक कारण जरूर होंगे।’ इस पर जब राकेश टिकैत से पूछा गया कि आप पर राजनीतिक दल का साथ देने का आरोप लग रहा है तो उन्होंने कहा, “मैं किसी दल के लिए काम नहीं कर रहा था, मैं तो सरकार के खराब पॉलिसी का विरोध कर रहा था।”
राकेश टिकैत ने कहा कि ‘हम किसी दल के साथ काम नहीं कर रहे थे, हमने कौन सा किसी दल से टिकट मांगा था कि टिकट नहीं मिला? बहुत लोग चले जाएंगे, मुझसे नाराज होंगे, किसी और से नाराज होंगे तो वे चले जायेगे। हम तो उन्हें मनाने के लिए गए थे, नहीं माने। क्या पता, क्या कारण था कि इस तरह की स्थिति पैदा हो गई है।’
राकेश टिकैत से पूछा गया कि आखिर क्या कारण था कि इस तरह के कदम किसान नेताओं ने उठाये हैं? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि ‘क्या पता, क्या कारण था, किसी के भीतर क्या बैठा है, क्या पता? डर बैठ गया या भय बैठ गया या आंदोलन करने की क्षमता नहीं रही, क्या पता क्या हो गया? हमारे कार्यकर्ता क्या बुलडोजर से डरेंगे, उनके कौन से भट्टे लगे हुए हैं जो डर जाएंगे।’
बता दें कि नए संगठन के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय किसान संघ बनाने में काफी मेहनत की गई है, जिसे किसानों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था। हालांकि टिकैत की वजह से ये संगठन एक राजनीतिक संगठन में बदल रहा था। उन्होंने आगे कहा कि हमारे संगठन ने एक बैठक की। हमारे नए संगठन का नाम भारतीय किसान संघ (अराजनीतिक) होगा। राकेश टिकैत या नरेश टिकैत पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है, वे जो करना चाहते हैं वह कर सकते हैं।