केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 10 महीने से धरने पर बैठे किसानों ने भारत बंद किया था। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद को सफल बताते हुए कहा है कि जब तक नरेंद्र मोदी सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती है तब तक हम धरना स्थल खाली नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सरकार का पर्चा फाड़कर जाएंगे। इस केस को हम ही निपटाएंगे।
उन्होंने एक न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर ने जब उनसे सवाल पूछा कि कृषि मंत्री कह रहे हैं। आप जाए और बात करें? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम कहां जाकर उनसे बात करें? कौन सी जगह और कब जाएं? उन्होंने कहा कि वह हवा में ऐसे ही बोलते रहते हैं। इस पर रिपोर्टर ने कहा कि कृषि मंत्री का कहना है कि किसान नेता बात नहीं कर रहे हैं? राकेश टिकैत ने कहा कि जगह और टाइम नहीं बता रहे हैं। ऐसे में कहां बात की जाए।
उनसे जब सवाल पूछा गया कि आप सरकार से कैसे बात करेंगे? राकेश टिकैत ने कहा, जब सरकार हमको बुलाएगी तब हम उनसे बात करेंगे। सरकार कह रही है कि कानून वापसी नहीं होगी और बातचीत कर लो। जब उनकी तरफ से फैसला सुना ही दिया गया है तो फिर सजा भी वह लोग ही दे दें।
भारत बंद के जरिए क्या संदेश देना चाहते हैं? इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, पहले पॉलीटिकल पार्टी भारत बंद के जरिए जो संदेश देती थी वही हम भी दे रहे हैं। राजनीतिक दल भारत बंद करके वोट लेना चाहते थे। वह लोग मुद्दा उठाते थे तो हम भी मुद्दा ही उठा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि इस आंदोलन का निष्कर्ष क्या निकलेगा? राकेश टिकैत ने कहा, 1 साल बाद निकलेगा लेकिन निकल जाएगा।
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमें कोई जल्दी नहीं है। हम तो इस सरकार का पर्चा फाड़ कर जाएंगे। इस केस को निपटा कर ही जाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि पर्चा फाड़ने से आप का आशय क्या है? इस पर राकेश टिकैत ने कहा, इन लोगों ने यह कानून जो बनाया हुआ है उसका ही पर्चा फाड़ कर जाएंगे।