उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक और शूटर का आज (6 मार्च, 2023) को क्राइम ब्रांच की टीम ने एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। अतीक अहमद की गैंग का शूटर विजय उर्फ उस्मान ने उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी। इस हत्याकांड के बाद से फरार चल रहे उस्मान को पुलिस ढूंढ रही थी। पुलिस ने उस्मान का एनकाउंटर किया तो भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने एक ट्ववीट किया। जिस पर लोगों ने कई तरह के कमेंट किये।
भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने किया ऐसा ट्वीट
भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने लिखा, ‘कहा था ना कि मिट्टी में मिला देंगे। उमेश पाल और संदीप निषाद पर पहली गोली चलाने वाला खूंखार हत्यारा उस्मान भी आज पुलिस मुठभेड़ में ढेर।’ दरअसल, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने उमेश पाल हत्याकांड पर विपक्षी दलों द्वारा उठाये जा रहे सवाल पर कहा था,’इसी हाउस से कह रहा हूं कि इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे।’ बीजेपी सांसद रविकिशन ने कमेंट किया कि पूज्य महाराज योगी आदित्यनाथ जी ने कहा था ना कि मिट्टी में मिला देंगे।
सोशल मीडिया यूज़र्स के रिएक्शन
@Avneesh46010228 नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा- मुख्य साजिशकर्ता का एनकाउंटर करिए हिम्मत है तो जैसे विकास दुबे का हुआ था।@6987Balasaheb नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि बाबा जी ने कसम खाई हुई हैं कि जो भी प्रदेश में माहौल खराब करेगा। योगी जी उसका जीवन नरक बना देंगे। मगर कुछ बदमाश योगी जी को हल्के में ले रहें थे इसलिए अब मिट्टी में मिल रहें हैं। कहीं भी जाकर छिप जाओ कोई भी बचेगा नहीं।
@DEMOCRAZYSCHAD5 नाम के एक यूजर ने लिखा- महोदय, मेरे विचार से अपराधी दिमाग ने बिना डरे पुलिस वाले को मार डाला यह कोई छोटी घटना नहीं है। वे अपराध संस्कृति के स्वप्नलोक का वातावरण बनाते हैं। जो व्यवस्था को ध्वस्त कर देता है। ड्यूटी के दौरान अपने परिवार के लिए खुद को बचाने के लिए पुलिस की व्यवस्था को और अधिक प्रशिक्षण की जरुरत है।
@upadhyayabhii नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि यूपी में ग़ज़ब एक्शन चल रहा है। उमेशपाल हत्याकांड में शामिल एक और अपराधी ढेर। योगी आदित्यनाथ की ये तत्काल एक्शन वाली छवि उन्हें निसंदेह फ़ायदा पहुँचाने जा रही है। @askrajeshsahu नाम के एक यूजर लिखते हैं कि कई लोगों की फितरत होती है अपराध करना। वो हत्या नहीं करते तो उन्हें चैन नहीं पड़ता। विजय चौधरी भी ऐसा ही था। देखिएगा कैसे बेखौफ होकर उमेश पाल पर गोलियां चला रहा था। ये 2-4 लाख रुपए में किसी को भी मार देते हैं। न सिर्फ पुलिस प्रशासन बल्कि सभ्य समाज के लिए भी ये सिरदर्द ही थे।