प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भाषण के दौरान कांग्रेस पार्टी और विपक्ष पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने दुष्यंत कुमार का शेर पढ़ते हुए कहा कि तुम्हारे पांव के नीचे जमीन नहीं है, कमाल ये है कि तुम्हें यकीन नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण पर कवि कुमार विश्वास ने बीजेपी पर चुटकी लेते हुए एक ट्वीट किया। जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कई तरह के कमेंट किए।
कुमार विश्वास ने किया ऐसा ट्वीट
कुमार विश्वास ने पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए लिखा, ” लोकतंत्र में आलोचना एक शुद्धि यज्ञ है। आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन विपक्ष के लिए संदेश है कि यज्ञ तैयारी, मेहनत और सच्चाई के साथ करें तथा साथ-साथ यह कथन उनके स्वयं के दल व समर्थकों के लिए भी चेतावनी है कि वे भी आलोचना सुनने का अपना हाजमा दुरुस्त रखें।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं
जाकिर अली त्यागी नाम के एक टि्वटर यूजर ने कमेंट किया कि मान्यवर पीएम मोदी जी से कहिए कि यदि लोकतंत्र में आलोचना शुद्धि यज्ञ है तो वह खुद क्यों अमल नहीं कर पा रहे हैं? क्यों आलोचना को सहन नहीं कर पा रहे हैं? बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में बैन क्यों लगाया गया? क्यों छात्रों को आलोचना करने पर यूएपीए के साथ जेलों में डाला गया? क्यों मुकदमे दर्ज हुए?” चेतन नाम के एक यूजर ने लिखा- जी, हर कोई इस बात का ध्यान रखें कि आत्ममुग्ध भावना कह देना भर आलोचना नहीं होता।
नीरज कुमार दुबे नाम के एक यूजर ने लिखा कि पीएम मोदी ने अपना जीवन देश के लिए खा पाया है इसलिए उनके संबोधन के गहरे निहितार्थ दिखाई दिये। हर योजना के केंद्र में गरीब को रख कर जनता को जो विश्वास मोदी ने दिया है, उसकी वजह से एंटी नहीं अब pro-incumbency का जमाना है। प्रहलाद नाम के एक यूज़र ने कमेंट किया कि दो तरह के कवि होते हैं, एक सरकारी और दूसरा लोक कवि। आप कौन से वाले हो?
जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा सदन में उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर उठाए गए सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए कई बार उन पर तंज कसा। इसके साथ उन्होंने कश्मीर को लेकर कहा कि पिछली शताब्दी के उत्तरार्ध में मैं भी जम्मू-कश्मीर गया था, तब आतंकवादियों ने पोस्टर लगाए थे कि हिम्मत है तो यहां तिरंगा फहराओ, मैंने भी कहा था कि कान खोल कर सुन लो। 26 जनवरी को तिरंगा फहरेगा, किस ने अपनी मां का दूध पिया है?