प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है। पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा है कि कुछ लोग मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। विपक्ष पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि पहले की सरकारें तुष्टिकरण में इतनी व्यस्त रहीं कि उन्होंने देशवासियों के संतुष्टिकरण पर ध्यान ही नहीं दिया।
क्या बोले पीएम मोदी ?
पीएम मोदी ने कहा कि देश में कुछ लोग हैं जिन्होंने 2014 में मोदी की छवि धूमिल करने का संकल्प लिया था। उन्होंने सार्वजनिक रूप से बोला भी कि हम मोदी की छवि धूमिल करके रहेंगे। इन लोगों ने सुपारी दी हुई है और खुद भी कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों को कुछ देश में बैठे लोग साथ दे रहे हैं तो कुछ ऐसे हैं जो देश से बाहर हैं। ये लोग मेरी छवि खराब की कोशिश में हैं लेकिन गरीब, मध्य वर्ग, दलित, ओबीसी समेत सभी भारतवासी मेरे लिए सुरक्षा कवच बने हुए हैं।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
पीएम मोदी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। @RashtraManch यूजर ने लिखा कि देश से जो वादा करे है वो पूरा करिए 1 साल से कम समय बचा है, सत्ता से जाने का वक़्त आ गया है। आप देश के प्रधानमंत्री हैं, छुई-मुई क्यों बन जाते है, एक तो चोरी और ऊपर से सीना जोरी। @SevadalMH यूजर ने लिखा कि मोदी जी को ऐसा क्यों लगता है कि अडानी की जांच की मांग से उनकी छवि धूमिल हो रही है। जबकि जांच न करके, वे इस मामले में उनकी संलिप्तता सिद्ध कर रहे हैं।
@priyanka2bharti यूजर ने लिखा कि वो भी ऐसा समय था जब लोग माननीय के भाषणों को बेहद गौर से सुनते थे। प्रधान मंत्री के हर शब्द का भारी वजन था। लेकिन आजकल भाषा और वक्ता में कोई समन्वय नहीं रह गया है। यहां तक कि प्रधानमंत्री पद की भी गरिमा दांव पर है। @manojkjhadu यूजर ने लिखा कि सुपारी? सर जी!! आजकल कौन सी फिल्में देखी जा रही है? जय हिंद। @pvssarma यूजर ने लिखा कि हमारे प्रधानमंत्री को जब भी कोई विषय पर घेरा जाता है और उनके पास उसका जवाब नहीं होता तो बस यही सब कहने लगते हैं।
बता दें कि पीएम मोदी वन्दे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन करने के लिए भोपाल पहुंचे थे, जहां उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 1 अप्रैल को ट्रेन चलने की बात पर कांग्रेस अप्रैल फूल की बात कह सकती थी लेकिन 1 अप्रैल को ही ट्रेन चल पड़ी है। वहीं कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि संसद में चल रहे मौजूदा गतिरोध को दूर करने के मकसद से केंद्र सरकार की ओर से कोई कोशिश नहीं की जा रही है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो संसद का पूरा सत्र धुल जाएगा।