दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कुल 9 नेता शामिल हैं। चिट्ठी में लिखा है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी यह दिखाती है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश से तानाशाही शासन में तब्दील हो गया है। इस पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने चुटकी ली है, जिस पर आप नेता नरेश बालियान ने जवाब दिया है।
भाजपा नेता का तंज, आप नेता का जवाब
विपक्षी नेताओं की चिट्टी पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने लिखा है कि मनीष सिसोदिया को बचाने के लिए कई विपक्ष के नेताओं ने लेटर लिखा है, ऐसा ही एक लेटर कसाब को बचाने के लिये भी लिखा गया था, जब ऐसे लेटर आने लगे मतलब अपराध पक्का है, अब बचाने की हड़बड़ाहट है। इस पर जवाब देते हुए आप विधायक नरेश बालियान ने लिखा है कि कसाब को जब फांसी पर लटकाया गया था तो सत्ता में कांग्रेस और विपक्ष में BJP था। इसका मतलब कपिल मिश्रा ये कहना चाह रहे हैं कि विपक्ष BJP ने कसाब को बचाने के लिए पत्र लिखा था। आज इस बात का खुलासा हुआ।
सोशल मीडिया पर अन्य लोगों की प्रतिक्रियाएं
एक यूजर ने लिखा कि जो आम आदमी पार्टी और अन्य नेता प्रतिपक्ष हर बात पर कोर्ट जाते हैं, आखिर वो ऐसे संगीन मामले पर जांच होने से पहले माहौल क्यो बना रहे हैं? सच सामने आ जायेगा, जांच तो हो जाने दो ना। अनिल पाल नाम के यूजर ने लिखा कि यदि कपिल मिश्रा की तरह मनीष सिसोदिया भी बीजेपी में शामिल हो जाता तो दूध का धुला हो जाता और संस्कारी बन जाता जिस पर कोई अपराध कभी हो ही नहीं सकता। भानु सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि सबको अपने लिए डर सता रहा है।
अंकुर नाम के यूजर ने लिखा कि जिन्होंने ने भी लेटर लिखा है कि उनके खुद की पार्टी के नेताओं पर न जाने कितने भ्रष्टाचार के मुकदमे और अपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। यदि कोई नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, भले ही वह किसी भी पार्टी का हो क्या वह नेता जेल नहीं जाना चाहिए? क्या उसे भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस मिला हुआ है? राजेन्द्र शुक्ला नाम के यूजर ने लिखा कि डर सबको लगता है ,गला सबका सूखता है। एक यूजर ने लिखा कि विपक्ष के नेताओं के खिलाफ सबूत की पोटली लेकर चलने वाले केजरीवाल आज खुद अपने पार्टी के नेताओं के गबन की गठरी छुपाते फिर रहे हैं ।
बता दें कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, BRS चीफ के चंद्रशेखर राव, पंजाब के CM भगवंत मान, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला, राकांपा चीफ शरद पवार, शिवसेना ठाकरे ग्रुप के चीफ उद्धव ठाकरे, सपा चीफ अखिलेश यादव का नाम भी पीएम को लिखी चिट्ठी में शामिल है। चिट्ठी में लिखा गया है कि आपके शासन में 2014 से अब तक जितने राजनेताओं की गिरफ्तारी हुई, छापे मारे गए या पूछताछ हुई, उनमें ज्यादातर विपक्षी नेता हैं। मजेदार बात यह है कि उन विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच धीमी पड़ जाती है, जो बाद में भाजपा जॉइन कर लेते हैं। सिसोदियाजी के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है।