राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ (NSO) क आंकड़ों के मुताबिक नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से (2014-15) भारत की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्य के लिहाज से दोगुनी होकर 1,72,000 रुपये हो गई है। एनएसओ के इस आंकड़े पर कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स कई तरह के सवाल उठा रहे हैं।
NSO ने जारी के आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किये गए आंकड़ों में बताया गया कि देश की प्रति व्यक्ति आय 1,72,000 रुपये हो चुकी है। ये 2014-15 में 86,647 रुपये की प्रति व्यक्ति आय के मुकाबले दोगुना है। जबकि वास्तविक मूल्य यानी आधार कीमत के हिसाब से ये करीब 35 फीसदी बढ़ी है। वर्ष 2014-15 में यह 72,805 रुपये थी, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 98,118 रुपये रहने का अनुमान है।
सोशल मीडिया यूज़र्स ने किए ऐसे सवाल
@Gangesh_Gugi नाम के एक यूजर ने पूछा- ये कब हुआ? @TheRathore3 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,’आय दुगुनी हो गयी तो महंगाई कितनी बढ़ी है? इसका भी आंकड़ा सरकार को देना चाहिए।’ @ManvatiN नाम के एक ट्विटर यूज़र ने कमेंट किया कि लगता है मोदी जी भी भगवान को नहीं मानते तभी वो साफ झूठ बोल देते हैं। ज्यादातर लोगों की नौकरियां चली गई। जिनकी रह भी गई है, उनकी सैलरी आधी हो गई है और वो बोल रहे हैं कि आय दोगुनी हो गई। समय का खेल है सब। अभी तो सब झूठ बिक रहा है।
@Knows_evrything नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया- तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, 80 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर है और यहां प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी की बात हो रही है। ये दावे झूठे हैं यह आंकड़ा किताबी है।
@sujitsingh__ नाम के एक यूजर ने सवाल किया कि फिर 80 करोड़ जनता को मुफ्त में राशन क्यों बांट रहा है? @Prad_Rajput नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई और प्रति व्यक्ति महंगाई दस गुनी।
जानकारी के लिए बता दें कि NSO के आंकड़ों पर इंस्टीट्यूट फार स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में निदेशक नागेश कुमार ने कहा कि वास्तविक मूल्यों पर देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है और यह बढ़ती समृद्धि के रूप में नजर भी आता है। वहीं, अर्थशास्त्री जयती घोष ने मौजूदा मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय दोगुना होने के बारे में कहा कि देश की जीडीपी को मौजूदा मूल्यों पर देखा जा रहा है लेकिन यदि इस दौरान की मुद्रास्फीति पर भी गौर करेंगे तो पाएंगे कि यह वृद्धि बहुत कम है।