महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के प्रमुख आनंद महिंद्रा को मुंबई-नागपुर का इको फ्रेंडली डिजाइन खूब पसंद आया। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की सोशल मीडिया पर तारीफ करते हुए लिखा कि “हमें इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की जरूरत है, जो उन प्राणियों के लिए सेंसेटिव हो जो हम से पहले इस धरती पर रह रहे हैं”
इकोफ्रेंडली होगा मुंबई -नागपुर एक्सप्रेसवे: बाला साहब ठाकरे समृद्धि महामार्ग यानी मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे कई मायनों में खास होने वाला है। इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की स्पीड का ही नहीं बल्कि आसपास के पूरे पर्यावरण का ध्यान रखा गया है। इस एक्सप्रेसवे का कुछ हिस्सा जंगल और इकोसेंसेटिव जोन से गुजर रहा है। इस कारण से एक्सप्रेसवे बनाते समय जानवरों की भी सभी जरूरतों का ध्यान रखा गया है।
एक्सप्रेसवे पर जानवरों के निकलने के लिए फ्लाईओवर बनाए गए हैं। जिससे जंगल के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाते समय जानवरों को कोई तकलीफ ना हो। पूरे एक्सप्रेसवे बाड़ लगाई जा रही है। जिससे कोई भी जंगली जानवर एक्सप्रेसवे पर ना जाए।
एक्सप्रेसवे पर जानवरों के निकलने के लिए 9 ओवरपास और 17 अंडरपास बनाए जा रहे हैं। जिससे एक्सप्रेसवे बनने के बाद जानवरों को जंगल में आने जाने में कोई दिक्कत ना हो। इस एक्सप्रेसवे का 117 किलोमीटर का हिस्सा वन्यजीव कॉरिडोर, टाइगर कॉरिडोर और इको सेंसेटिव जोन से गुजरता है। इसके अलावा फारेस्ट डिपार्टमेंट के साथ मिलकर उन सभी प्रावधानों पर कार्य किया जा रहा है जिससे कोई भी जानवर एक्सप्रेसवे सड़क पर न जाए।
150 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी रफ्तार: मुंबई -नागपुर एक्सप्रेसवे 701 किलोमीटर लंबा होगा। जिस पर मुंबई नागपुर के बीच 150 किलोमीटर की रफ्तार से वाहन दौड़ते हुए नजर आएंगे। एक्सप्रेसवे की सड़क 120 मीटर से ज्यादा चौड़ी होगी। यह एक्सप्रेसवे में महाराष्ट्र के 10 जिलों से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद मुंबई नागपुर के बीच की दूरी 24 घंटे से घटकर 8 घंटे रह जायेगी।
आनंद महिंद्रा ने मजेदार जवाब:आनंद महिंद्रा के एक ट्वीट के बाद जब यूजर ने उनसे सवाल किया कि “क्या जानवरों को इसका उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा?” जिस पर आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर तुरंत जवाब देते हुए कहा कि उन्हें (जानवरों) बमुश्किल ही व्यवहारिक ज्ञान में प्रशिक्षण की जरूरत होती है… यह तो हम इंसान है जिन्हें यह सीखने की जरूरत पड़ती है.”