योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को बीजेपी से अलविदा कह दिया। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से कयास लगाया जा रहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के साथ जा सकते हैं। उनके इस्तीफा देने के कुछ देर बाद ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक तस्वीर शेयर कर इसकी पुष्टि कर दी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रिया आने लगी।
टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के पत्रकार सुशांत सिन्हा ने ट्वीट किया – कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को चुनाव के बीस दिन पहले समझ में आया कि पार्टी में व्यापारियों, किसानों और दलितों की अनदेखी हो रही है और उन्होंने इस्तीफा देकर सपा ज्वाइन कर ली है। ये कमोबेश डेढ़ दो प्लेट तंदूरी चिकन गटक लेने के बाद जीवहत्या को पाप बताकर प्लेट सरकाने जैसा है।
सुशांत सिन्हा के ट्वीट पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने उनकी बातों का समर्थन किया है तो वहीं कुछ लोग उनको खरी-खोटी सुनाने लगे। कुछ यूजर्स ने तो उनके पुराने ट्वीट निकाल कर रिप्लाई करना शुरू कर दिया। अरुणदीप सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा कि एक जर्नलिस्ट का काम रिपोर्ट देना होता है न कि ओपिनियन देना। हमें लगता है आप पत्रकार नहीं बल्कि ईमानदार पत्रकार हैं।
अनुराधा सिंह नाम की एक यूजर ने कमेंट किया कि अभी तक तो विधायक तोड़ना आपके लिए खेल होता था सिन्हा जी, साइड से चाहिए भी करते थे कि बीजेपी और विधायक तोड़ेगी। अब एकदम से यह नैतिकता का भूत कैसे चढ़ गया। अभय सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ” 5 साल मंत्री पद का सुख भोग लिया तो अब बीजेपी दलित विरोधी हो गई है। इतने दिन महाराज को नहीं समझ में आया था।”
अनुभव त्रिपाठी नाम के यूज़र लिखते हैं कि आपकी बात से सहमत हूं। इन नेताओं को चुनाव से पहले ही यह सब क्यों समझ में आता है। उसके पहले इनकी बुद्धि निद्रा अवस्था में रहती है क्या? राजीव चौधरी नाम के एक यूजर ने लिखा – यही अगर बीजेपी ने किया होता तो उसे चाणक्य नीति बताते, गजब की बातें करते हो। जानकारी के लिए बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने पर यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी एक ट्वीट किया है।
