उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, यहां पर एक नाबालिग बच्चे को सीएम योगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गौशाला साफ करने की सजा दी गई है। एक महीने पहले सोशल मीडिया पर नाबालिग बच्चे सीएम योगी पर अभद्र टिप्पणी की थी जिसमें वो दोषी पाया गया है। किशोर न्याय बोर्ड (JJB) ने दोषी पाए गए 15 वर्षीय लड़के को 15 दिनों की गौशाला में सफाई करने का आदेश दिया है।
बताया गया कि, किशोर न्याय बोर्ड ने बच्चे की उम्र को देखते हुए इस पहले अपराध पर 15 दिन के लिए गौशाला की सफाई करने का आदेश दिया है। साथ ही साथ जेजेबी ने किशोर पर आईटी एक्ट के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: एक यूजर ने लिखा कि ‘नाबालिग से मजदूरी करवाने से योगी की इज्जत बढ़ गई?’ जमशेद अहमद ने लिखा कि ‘बाल मजदूरी करवाना भी जुर्म है, उसकी सजा किसको मिलनी चाहिए किशोर न्याय बोर्ड को?’ संदीप शर्मा ने लिखा कि ‘हम योगी जी के विरोधी हो सकते हैं, उनकी विचारधार के खिलाफ प्रखर हो कर बोल सकते हैं लेकिन, हम उन पर आपत्तिजनक, अशोभनीय टिप्पणी करें, ये ना ही शोभनीय है और ना ही संस्कारों के अनुरूप।’ एक यूजर ने लिखा, ‘वो तो तो नाबालिग है, बच्चा है…उसे तो माफ़ कर देते।’
लोकेश शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ’30 तक पहाड़ा याद करने की सजा देनी चाहिए थी, गौशाला साफ करवाना तो बाल मजदूरी में आता है जो कि कानूनन जुर्म है।’ सौरभ मीणा ने लिखा कि ‘बस ऐसे ही धीरे धीरे सारी आजादी छीन ली जाएगी एक दिन, क्योंकि जहां आलोचना करने का अधिकार नहीं होता, वहां लोकतंत्र नहीं होता, वहां तानाशाही हो जाती है, जो इतिहास में कभी भी किसी का भला नहीं करके गयी।’
आशुतोष राय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अन्याय का विरोध करने पर सजा तो राम राज्य में भी नही मिलती थी।’ राम बाबू नाम के यूजर ने लिखा कि ‘किसी नासमझ बालक के लिए इससे बढ़िया दंड और कुछ नहीं हो सकता । कुछ लोग इसे बाल मजदूरी समझ रहे हैं तो उनकी सोच गलत है क्योंकि कुम्हार द्वारा मिट्टी पर किया गया वार चोट नहीं होती, उसको सही रूप देने के लिए किया गया कर्म है।’
बता दें कि इस पूरे मामले पर सरकारी वकील ने बताया कि ”इस महीने की शुरुआत में लड़के के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67 के साथ आईपीसी की धारा 505 (सार्वजनिक शरारत) के तहत सहसवां पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया।”