सोशल मीडिया पर मेरठ के एसपी ग्रामीण अनिरुद्ध कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह एक व्यापारी से पैसे के लेनदेन के बारे में बात कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह रंगदारी मांग रहे हैं। वीडियो में एसपी अनिरुद्ध कुमार वीडियो कॉल पर व्यापारी से बात कर रहे हैं, “इतना लेट करके मत भेजिए। आज कितना भेज रहे हैं।” इसका वीडियो शेयर कर अखिलेश यादव ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने भाजपा को घेरा
वीडियो में अनिरुद्ध कुमार कह रहे हैं कि दस नहीं बीस लाख भेजिए, बाक़ी हम शाम को बताते हैं। वीडियो शेयर कर अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोज़र की दिशा उनकी तरफ़ बदलेगी या फिर फ़रार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफ़ा-दफ़ा करवा देगी। उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी ज़ीरो टालरेंस की सच्चाई।
क्या बोले लोग?
@RahulSingh_SP यूजर ने लिखा कि योगी जी के चहेते अफसरों का डिजिटल भ्रष्टाचार! वीडियो कॉल के माध्यम से ही वसूली चल रही है। कांग्रेस की तरफ लिखा गया कि यह IPS अनिरुद्ध सिंह हैं, जो इन दिनों मेरठ में तैनात हैं। सरेआम एक व्यापारी से पूछ रहे हैं, ‘आज कितना भेज रहे हैं?’ फिर कहते हैं, ‘मिनिमम 20 भेजिये।’ यानी बिना लाग-लपेट 20 लाख का डिमांड। वैसे इतना धन अकेले पचाना है या खाकी-सफेदी से लेकर भगवाधारी तक सब मिलकर निगलने वाले हैं?
सपा मीडिया सेल की तरफ से लिखा गया कि ये योगीजी के बेलगाम पुलिसवाले IPS अनिरुद्ध “सिंह” हैं। अब योगीजी के स्वजातीय हैं तो क्या इन्हें वसूली ,एक्सटोर्शन का अधिकार/आशीर्वाद सीधा CM आवास से प्राप्त है? योगीजी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे करते हैं लेकिन उन्हीं के अधीनस्थ अधिकारी वसूलीबाज हैं, योगीजी शर्म कीजिए। अशोक पाल नाम के यूजर ने लिखा कि अब समझ में आया जो जीरो टॉलरेंस बोला जाता है, शायद उसका मतलब है कि जीरो के आगे कोई भी संख्या लिख लो और उसके पीछे कितने भी जीरो लगा लो।
बता दें कि वायरल वीडियो के संबंध में मेरठ पुलिस का कहना है कि उपरोक्त वीडियो 02 वर्ष से अधिक पुराना है जिसका संबंध जनपद मेरठ से नहीं है। प्रकरण के संबंध में पूर्व में ही जांच पूर्ण हो चुकी है।