उत्तर प्रदेश चुनाव में सपा और रालोद के बीच गठबंधन हुआ है। अखिलेश यादव, जयंत चौधरी के साथ मिलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वोटरों को साधने में लगे हैं। 10 फ़रवरी से यूपी में चुनाव की शुरुआत होने जा रही हैं, लिहाजा अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। राजनीतिक गहमागहमी के बीच जब पूर्व IAS ने जयंत चौधरी के दादा, चौधरी चरण सिंह पर जाट और मुसलमानों को मिलाकर, किसानों पर राज करने का फार्मूला बताया तो तुरंत रालोद अध्यक्ष ने जवाब देते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया।
क्या है पूरा मामला? पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि “चौधरी चरण सिंह का स्पष्ट फ़ार्मूला रहा। जाट + मुसलमान = किसानों का राज। हिंदू-मुसलमान में बंट कर एक बार सत्ता भाजपा को क्या दे दी, किसानों को टायरों के नीचे कुचला जाने लगा। इस बार फिर चौधरी साहब का फ़ार्मूला चलेगा और जयंत चौधरी की अगुवाई में पश्चिमी उत्तर प्रदेश खदेड़ा करेगा।
जयंत चौधरी ने तुरंत दिया ये जवाब: हालांकि पूर्व IAS का यह ट्वीट जयंत चौधरी को पसंद नहीं आया। जयंत ने ट्वीट में कही बातों को खारिज करते हुए कहा कि चौधरी साहब का फ़ार्मूला जाट + मुसलमान का नहीं था! किसान-कमेरा वर्ग को उन्होंने संगठित किया था। आज फिर हम मिलकर उस राह पर चल रहे हैं।
चरण सिंह के व्यक्तित्व को बताया विशाल: जयंत चौधरी के इस ट्वीट पर सूर्य प्रताप सिंह ने फिर लिखा कि निश्चित ही उनका व्यक्तित्व विशाल था, धर्म और जाति के बंधनों से मुक्त था। पर आज जब मुद्दों को दरकिनार कर हिंदू-मुसलमान के नाम पर घटिया राजनीति हो रही है, तब उनके योगदान को जरूर याद किया जाएगा। हर वर्ग के किसानों को साथ लाकर मुद्दों की राजनीति की। वह हमारा गौरव, हमारा अभिमान हैं।
बता दें कि जयंत चौधरी के दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पहचान किसान नेता के रूप में रही। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हापुड़ में हुआ। चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के पांचवे प्रधानमंत्री भी रहे। उनके बेटे अजीत सिंह भी राजनीति में सक्रिय थे। उनके निधन के बाद अब पार्टी की जिम्मेदारी जयंत चौधरी संभाल रहे हैं और यूपी विधानसभा 2022 का चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लड़ रहे हैं।