अडाणी ग्रुप (Adani group) ने लगातार शेयर में हो रही गिरावट के बाद कंपनी ने अपना एफपीओ (FPO) वापस ले लिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) के खुलासे के बाद से ही अडाणी ग्रुप सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। अब अडाणी ग्रुप द्वारा एफपीओ पर लिए गए फैसले पर यूज़र्स कई तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद (Congress Leader Acharya Pramod) ने एक ट्वीट के जरिये गौतम अडाणी (Gautam Adani) को एक सलाह दी।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने किया ऐसा ट्वीट
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने लिखा,”अदाणी को “राम लला” का दर्शन करना चाहिये,और कोई नहीं बचा पायेगा।” आचार्य प्रमोद द्वारा किये गए इस पोस्ट पर कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनकी बातों का समर्थन करते हुए कमेंट किया है वहीं कुछ यूज़र ने चुटकी लेते हुए अपना जवाब दिया है।
सोशल मीडिया यूज़र्स के रिएक्शन
@DineshKumarLive नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,”सरकार भी राम भरोसे चल रही है गुरु जी।” @Atulya_Bhart नाम के एक यूजर ने तंज कसते हुए कमेंट किया- राम चन्द्र जी के दर्शनों की जरूरत कांग्रेस को ज्यादा है। शायद भगवान राम के दर्शन से कांग्रेस अपनी बची जिंदगी जी ले,बाकी तो अब कांग्रेस को कोई नही बचा सकता है। @PUSHPENDRA_OBC नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा- राष्ट्रीयता की आड़ में फर्जीवाड़ा और चार सौ बीसी नहीं छिपाई जा सकती।
@PawanKu95157227 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि उससे बच जायेंगे। आचार्य जी कभी तो लॉजिकल बात कर लिए करें। @shiptrained नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया- अदाणी को कोई समस्या नही है। पापी लोग त्रेता में भी थे, द्वापर में भी थे और कलियुग में हैं तो उसमें आश्चर्य क्या है? बैंक से जो उधार लिया है ग्रुप कोंपनियों ने, तो गिरवी रखा होगा ना कुछ? शेयर दे कर लोन नही लिया परंतु सम्पत्ति दे कर उधार लिया है तो किसको समस्या है? @SanjaySubi नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- लाखों लोगों को रोजगार देने वाले देश के विकास में इन पूंजीपतियों का बहुत बड़ा योगदान है। जब तक कांग्रेस इनको गालियां देती रहेगी, ऐसा करके कांग्रेस राष्ट्र विरोधी कार्य कर रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि एफपीओ (FPO) का फुल फॉर्म- फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (Follow-on Public Offer) है। गौरतलब है कि अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने एफपीओ को वापस लेने के फैसले पर कहा कि पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।