गोवा फिल्म फेस्टिवल (Goa Film Festival) में फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को इजरायल के फिल्ममेकर ने प्रोपगेंडा और घटिया फिल्म बताया था, इस पर विवाद खड़ा हो गया। इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड ने यह बयान 28 नवंबर की रात गोवा में 53वें IFFI के समापन समारोह के दौरान दिया। हालांकि इजराइल के राजदूत ने खुला खत लिखकर माफी मांगी, लेकिन फिल्ममेकर नदव लैपिड (Filmmaker Nadav Lapid) के बयान के बाद फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जब विवाद बढ़ा तो लोगों ने इसकी आलोचना की, वहीं कुछ लोगों का कहना था कि उन्होंने इस फिल्म के मेकर्स को आइना दिखाया है। अब फिल्ममेकर अशोक पंडित (Ashoke Pandit) ने कहा है कि अगर मेरे हाथ में पिस्टल होता तो मैं गोली मार देता।
‘मेरे हाथ में पिस्टल होती तो गोली मार देता’
न्यूज 24 पर इंटरव्यू के दौरान जब अशोक पंडित से सवाल पूछा गया कि इजराइल के फिल्ममेकर नदव लैपिड (Filmmaker Nadav Lapid) ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) फिल्म को जब घटिया और प्रोपगेंडा बताया तो क्या दुःख हुआ? इस पर अशोक पंडित (Ashoke Pandit, Filmmaker) ने कहा कि दुःख हुआ? अगर मेरे हाथ में पिस्टल होती तो मैंने गोली मार देता। मैं तो यह कहता हूं कि जब उसने स्टेज पर यह सब कहा तो बाकी के जूरी मेंबर क्या कर रहे थे? और जवाब क्यों नहीं दिया? कमजोरी तो हमारी अपनी है कि हम सब सुनने को तैयार हो जाते हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
अशोक पंडित ने कहा कि सरकार में कुछ नौकरशाह देश विरोधी है। आखिर नदव लैपिड का चयन किसने किया? इसकी जांच होनी चाहिए कि इसे जूरी का चेयरमैन किसने बनाया? अशोक पंडित के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @manjoor यूजर ने लिखा कि मोदी जी से बोलकर लगावाओ सीबीआई और ईडी इसके पीछे। @Indain_people यूजर ने लिखा कि अशोक जी अगर आपको जीने का अधिकार है वैसे ही दूसरे का भी जीने का अधिकार है। एक आदमी एक फ़िल्म को गलत कह दिया तो वह आतंकी हो गया।
@sanjai7001 यूजर ने लिखा कि जब गलवान में बीस सैनिक शहीद हुए थे, तब गोली चलाने की इच्छा नहीं हुई थी क्या? @Bipinku14521447 यूजर ने लिखा कि एक काम करो, कश्मीर चले जाओ। वहां जाकर आतंकवादियों के खिलाफ गोली चलाओ। @kkjourno यूजर ने लिखा कि आप फिल्म बनाएंगे, आलोचक अपनी समझ से रेटिंग देगा। अगर उसने खराब रेटिंग दी तो उसको गोली मार देंगे? इन जैसों को लगता है कि अब इस देश में लोकतंत्र नहीं है, यह देश दंगाइयों और हत्यारों की ख्वाबगाह बन गया है।
बता दें कि फिल्म फेस्टिवल (Film Festival) में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की स्क्रीनिंग देखकर जूरी ने हैरानी जताई। जूरी ने कहा कि इस फिल्म को देखकर हम सभी हैरान हैं। इसे देखकर हमें लगा कि यह केवल एक प्रचार करने के लिए और वल्गर फिल्म है। उनके इस बयान के बाद भारत में इस पर विवाद खड़ा हो गया। हालांकि विवाद अधिक बढ़ता देख इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भारत से माफी भी मांगी है। उन्होंने कहा कि उन्हें नादव लैपिड के बयान पर शर्म आती है।