पिछले दिनों लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए राहुल गांधी ने कहा, यूरोप के कई नौकरशाहों ने उन्हें बताया था कि भारतीय विदेश सेवा पूरी तरह से बदल गई है। अब नौकरशाह घमंडी हो चुके हैं। अब वे बस हमें बताते हैं कि उन्हें क्या आदेश मिल रहे हैं। हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हो रही है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में भाजपा संस्थानों पर कब्जा कर रही है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया तो लोग भी तरह-तरह की टिपण्णी करने लगे।
राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि “हां, भारतीय विदेश सेवा बदल गई है। हां, वे सरकार के आदेशों का पालन करते हैं। हां, वे दूसरों के तर्कों का विरोध करते हैं। नहीं, इसे अहंकार नहीं कहा जाता है। इसे कॉन्फिडेंस कहते हैं और इसे राष्ट्रीय हित की रक्षा करना कहते हैं।” इस पर पत्रकार रोहिणी सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
रोहिणी सिंह ने लिखा, ‘जयशंकर द्वारा स्वीकार किया गया कि उन्होंने सरकारी आदेशों का पालन नहीं किया या राष्ट्रीय हित की रक्षा नहीं की, जब वे इन सभी वर्षों में आईएफएस में थे।’ पत्रकार सिद्धांत मोहन ने लिखा कि ‘मेरी जिज्ञासा ही है कि जब यूपीए की सरकार थी, और एस जयशंकर विदेश सेवा में थे, तो उस समय भारतीय विदेश सेवा के लोग सरकार के आदेश नहीं मानते थे?’
राकेश शर्मा ने लिखा कि ‘तो मोदी-पूर्व, आईएफएस अधिकारियों ने सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया? श्री जयशंकर ने स्वयं 1977-2014 के आदेशों की अवहेलना की?! और 37 साल तक “राष्ट्रीय हित” की रक्षा नहीं की? लेकिन अभी भी पोस्टिंग और पदोन्नति मिली है? विचित्र।’ वहीं एस जयशंकर के जवाब की तारीफ करने वालों की भी कमी नहीं है।
आदित्य राज कॉल ने लिखा कि ‘लंदन में राहुल गांधी कहते हैं, भारतीय विदेश सेवा बदल गई है। वे पहले दुनिया की सुनते थे। अब दुनिया भारतीय राजनयिकों की सुनती है।’ मेजर गौरव आर्या ने लिखा कि ‘आप और आपकी टीम जो कर रही है उस पर बहुत गर्व है। यह अहंकार नहीं है। यह एक नया भारत है, मजबूत और गौरवान्वित भारत। यूरोपीय नौकरशाहों के साथ नरक में और वे क्या सोच सकते हैं। हम वही करेंगे जिससे भारत को फायदा होगा।’
बता दें कि ब्रिटेन दौरे पर गए राहुल ने थिंकटैंक ब्रिज इंडिया द्वारा आयोजित आइडियाज फॉर इंडिया सम्मेलन में बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों और भाजपा की आलोचना की थी। यहां से राहुल गांधी ने दावा किया कि रूस जो यूक्रेन में कर रहा है कुछ वैसी ही स्थिति चीन ने लद्दाख में पैदा की है, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार इस बारे में बात तक नहीं करना चाहती।