भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलने के लिए सीपीएम नेता वृंदा करात (CPM Leader Brinda Karat) जंतर – मंतर पहुंचीं थी। जहां उन्हें मंच पर से उतार दिया गया। पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि कृपया से राजनीतिक मुद्दा मत बनाएं। इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूज़र्स कई तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। कुछ लोगों ने वृंदा करात पर कटाक्ष किया है।
सीपीएम नेता वृंदा करात को मंच से नीचे उतारा
पहलवान बजरंग पूनिया ने सीपीएम नेता वृंदा करात को मंच पर देखते ही कहा,”प्लीज इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं। माइक किसी को नहीं मिलेगा। ये खिलाड़ियों का धरना है।” इसके साथ उन्होंने किसी को भी माइक देने से मना करते हुए कहा कि हम यहां पर खिलाड़ियों की लड़ाई के लिए बैठे हुए हैं। इस वीडियो पर कुछ लोगों ने सीपीएम नेता वृंदा करात पर तंज कसते हुए कहा है कि इन्हें हर जगह केवल राजनीति ही करनी होती है।
सोशल मीडिया यूज़र्स के रिएक्शन
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने इस मुद्दे पर लिखा,”हर जगह राजनैतिक ख़ोमचा लगाना ज़रूरी है क्या?” @RaviSha7 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- वृन्दा करात की घनघोर बेइज़्ज़ती, क्यों ही इनको वहां जाना था? @lalantop007 नाम के एक यूजर ने पूछा- करवा ली बेइज्जती? @Suresh_Sarswat_ नाम के एक ट्विटर यूजर ने कमेंट किया कि बहुत ही बढ़िया कदम बजरंग पूनिया भाई, ये मंच किसी भी राजनीतिक दल को न दें। ये खिलाड़ियों की लड़ाई है, इसे राजनैतिक रंग न देने दें और हमें पूरा भरोसा है कि सरकार आपकी बात सुनेगी।
@Kann_kanni नाम के एक यूजर ने लिखा कि गजब बेइज्जती है। कहीं भी बिन बुलाए तख्ती लेकर पहुंच जाते हैं ये लोग। @CKRckrajgor1 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- जियो भाई, ऐसा चांटा मारा है कि इन विपक्षी गिद्दों को हमेशा इसकी गूंज सुनाई देगी। @JaspalS896 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि कैसे लोग हैं देखिए इन गद्दारो के पास कोई मुद्दा है नही। कहीं भी धरना हो शाहीन बाग से लेकर जंतर – मंतर तक, अपनी खोई हुई राजनीति को तलाश रहे हैं। @farukhussain17 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,”अगर विपक्ष ना बोले तो विपक्ष सो रहा है। अगर विपक्ष बोले तो राजनीति करने आएं है। ऐसे कैसे चलेगा?”
जानकारी के लिए बता दें कि बजरंग पूनिया की अगुआई में विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक, सोनम मलिक और अंशु मलिक समेत भारत के शीर्ष पहलवानों ने जंतर-मंतर पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि संघ पहलवानों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार नहीं कर सकता।