भारत के मुख्य न्यायाधीश कुछ विवादों और फैसलों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। 18 मार्च को एक कार्यक्रम में पहुंचे CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने तमाम विवादित और जरूरी मुद्दों पर अपनी राय रखी है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ से सवाल पूछा गया कि क्या न्यायपालिका पर सरकार का कोई दबाव रहता है? इस पर उन्होंने अपनी राय दी है।
जजों पर रहता है सरकार का दबाव?
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शामिल पहुंचे चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया CJI डीवाई चंद्रचूड़ से सवाल पूछा गया कि क्या सुप्रीम कोर्ट जजों पर फैसला देने के लिए सरकार का कोई दबाव होता है? इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं कहता हूं कि दबाव का सवाल ही नहीं होता है। अगर दबाव होता तो क्या चुनाव आयोग को लेकर जो फैसला हुआ, वो आ पाता? एक के बाद एक रोज फैसले होते हैं, जो कभी मीडिया की सुर्ख़ियों में नहीं आते क्योंकि वो बड़े लोगों और नेताओं से संबंधित नहीं होते।
’23 सालों से जज के तौर पर काम कर रहा हूं लेकिन..’
CJI ने कहा कि जज के तौर पर मेरे 23 वर्षों तक काम किया है, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में, उच्च न्यायालय के CJI और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में और अब सीजेआई के रूप में काम कर रहा हूं। इस दौरान किसी ने मुझे ये नहीं बताया कि किसी केस का फैसला कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि हम अपने सिद्धांतों को लेकर क्लियर हैं, हम अपने कलिग से भी कभी उनके केस को लेकर चर्चा नहीं करते।
CJI ने यह भी कहा कि न्यायपालिका में सबसे पहले अदालत की भाषा में बदलाव की जरूरत है, जिला अदालतों की भाषा अंग्रेजी नहीं है लेकिन हाई कोर्ट और सु्प्रीम कोर्ट में बातचीत की भाषा अंग्रेजी है। उन्होंने कहा कि अगर हमें नागरिकों तक पहुंचना है तो हमें उनकी भाषाओं में पहुंचना होगा जिसे वो समझते हैं। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने इस प्रक्रिया पर काम करना शुरू भी कर दिया है।
बता दें कि डीवाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था, उनका पूरा नाम ‘धनंजय यशवंत चंद्रचूड़’ हैं। CJI चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB, हार्वर्ड से लॉ में मास्टर्स (LLM) और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट (SJD) पूरी की है। CJI चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम कर रहे हैं।