इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2023) के 16वें सीजन का आगाज हो चुका है। पहला मैच डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेला गया। 16वें सीजन कई भाषाओं में कमेंट्री की वजह से भी चर्चाओं में हैं। जहां पिछले साल तक आईपीएल सिर्फ छह भाषाओं में उपलब्ध था, वहीं इस बार हिंदी, अंग्रेजी के साथ कुल 12 भाषाओं में कमेंट्री हो रही है। भोजपुरी कमेंट्री की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है।
13 भाषाओं में आईपीएल किया गया प्रसारित
आईपीएल की कमेंट्री इस बार जियो सिनेमा पर कन्नड़, बांग्ला, मराठी, गुजराती, मलयालम के अलावा भोजपुरी, पंजाबी और उड़िया में भी की जा रही है। सोशल मीडिया पर भोजपुरी कमेंट्री और बोले गए शब्दों की खूब चर्चा हो रही है. भोजपुरी सिनेमा के स्टार और सांसद रवि किशन ने कमेंट्री की है. रवि किशन ने ट्वीट कर ख़ुशी जताई कि क्रिकेट जिसे भारतवर्ष में एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है , उसका आनन्द इस बार दुगुना होने वाला हैं काहे से हम आप लोगन के खातिर पुरा मैच के विवरण भोजपुरी में सुनाए आवत बाटी, बनल रहीं हमरे संगे और आनंद लेई भोजपुरी मिठास में बैट बाल के खेला के |
यूजर्स रिएक्शन
@RealRohit_Singh यूजर ने लिखा कि CSK की हार से दुःख जरूर हुआ लेकिन भोजपुरी कमेंट्री सुनकर मन गदगद हो गया। @ShriShailesh यूजर ने लिखा कि IPL अलग-अलग भाषाओं में देखने को मिल रहा है। लेकिन भोजपुरी में क्रिकेट देखने का एक अलग ही मजा है। वैसे क्रिकेट से ज्यादा लिट्टी चोखा डिस्कस हो रहा है।
@rushikeshambh10 यूजर ने लिखा कि भोजपुरी कमेंट्री समझ में नहीं आया लेकिन सुनकर अच्छा लगा।
@old_cricketer यूजर ने लिखा कि भोजपुरी भाषा की कमेंट्री छोड़ कर जियो सिनेमा की आईपीएल स्ट्रीमिंग में कुछ भी अच्छा नहीं है और दो चार मैच बाद ये भोजपुरी का चार्म भी खत्म हो जायेगा। @mauryaspeakss यूजर ने लिखा कि ट्विटर पर ऐसा लग रहा है कि लोग आईपीएल के लिए कम बल्कि भोजपुरी कमेंट्री के लिए लोग ज्यादा उत्सुक हैं। एक यूजर ने लिखा कि इस बार आईपीएल की कमेंट्री तेरह भाषाओं में प्रसारित हो रही है। इससे भी बड़ी खबर यह है कि उन तेरह भाषाओं में भोजपुरी भी एक भाषा है। भोजपुरी को जो दर्जा सरकार नहीं दे रही है लेकिन लगता है आईपीएल ने वह दर्जा दे दिया है।
बता दें कि आईपीएल 2023 में भोजपुरी कमेंट्री में “ई का हो,मुंह फोड़बा का…?”, “जियs जवान जियs…लहि गईल-लहि गईल”, “अउरहई देखs धोनी के छक्का” जैसे शब्द सुनकर लोगों की हंसी छूट गई। वहीं कई लोगों का मानना है कि भोजपुरी भाषा को गंभीरता से ना लेते हुए इसे मजाकिया अंदाज में प्रस्तुत किया गया, यह हमारी भाषा का मजाक है और हम अपनी भाषा का मजाक बनते नहीं देख सकते।