निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। उन्होंने रविवार को कहा कि निषाद समाज के लोग बीजेपी को तब तक वोट नहीं देंगे जब तक आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती। अब ये बीजेपी की जिम्मेदारी है कि वह अपने वायदे पर खरी उतरे।
उन्होंने कहा कि 9 नवंबर से उनका दल यूपी के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर बीजेपी ने वायदा पूरा नहीं किया तो गठबंधन खतरे में पड़ सकता है। ध्यान रहे कि सुभासपा के चीफ ओपी राजभर पहले ही बीजेपी को झटका देकर अखिलेश का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में संजय निषाद को साधना बीजेपी के लिए अहम है।
विधान परिषद सदस्य डॉ. संजय निषाद पहले रही कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश की मछुआ बाहुल्य सीटों पर निषाद पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। उनका दावा है कि मछुआ समाज की सभी उपजातियों को मिलाकर उत्तर प्रदेश में इनकी हिस्सेदारी 15 फीसदी के करीब है। वर्तमान समय में प्रदेश में इस समाज के सात विधायक हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मछुआरों का हक उन्हें दिलवा नहीं देंगे तब तक शांति से नहीं बैठने वाले। डॉ. संजय ने कहा कि विरोधी पार्टियों में निषाद पार्टी के बढ़ते वर्चस्व को देखकर खलबली मच गई है।
उत्तर प्रदेश में चार महीने बाद होने वाले चुनाव में जीत के लिए बीजेपी फिर से अपने सियासी समीकरणों को मजबूत करने में जुट गई है। बीजेपी ने 2017 विधानसभा और 2019 लोकसभा चुनाव में जाति आधारित छोटे दलों के साथ गठबंधन कर बड़ी जी जीत हासिल की थी। सूबे में उसी सफलता को एक बार फिर से दोहराने के लिए बीजेपी ने अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया है। लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर सहयोगी दलों के बीच सहमति नहीं बन पा रही।
गौरतलब है कि यूपी में गठबंधन को लेकर सियासत कुछ ज्यादा ही गर्म हो रही है। हाल ही में रालोद के जयंत चौधरी की प्रियंका गांधी से मुलाकात पर भी सियासी पारा ऊपर चढ़ गया था। जयंत चौधरी प्रियंका के साथ भूपेश बघेल की चार्टर्ड फ्लाइट में बैठ कर दिल्ली लौटे जबकि उनकी टिकट दूसरी फ्लाइट में थी। प्रियंका गांधी के साथ जयंत चौधरी के चार्टर्ड फ्लाइट में लखनऊ से दिल्ली आने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।