एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम को लेकर केंद्र सरकार के साथ RSS पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या देश का झंडा भगवा होना चाहिए? इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कटाक्ष किया। उनके बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स भी कई तरह के रिएक्शन दे रहे।
असदुद्दीन ओवैसी ने कही यह बात
असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि आरएसएस की ओर से मांग की गई थी कि देश का झंडा भगवा होना चाहिए। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ही आगे बढ़ने की शक्ति मिली है तो उनको जवाब देना चाहिए कि क्या देश का तिरंगा भगवा होना चाहिए?’ RSS के मुख्य पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें तिरंगे को नकारने की बात लिखी हुई है, क्या पीएम इससे इत्तफाक रखते हैं।
AIMIM प्रमुख ने किए ऐसे ट्वीट
असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी सोशल मीडिया हैंडल के जरिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल किए हैं। उन्होंने लिखा, ‘ऑर्गेनाइजर पत्रिका आरएसएस का मुख्य पत्र है, 17 जुलाई 1947 को जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय ध्वज का रंग भगवा होना चाहिए। प्रधानमंत्री कहते हैं कि RSS उनकी नीव है, उन्हें से प्रेरणा मिली है।
पीएम मोदी से किया सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि RSS पत्रिका ने ये भी कहा है कि झंडे में तीन रंग बुरे हैं। प्रधानमंत्री और भाजपा को बताना चाहिए कि उन्होंने जो कहा है वह सही है या गलत, ये उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार हमसे तिरंगा डीपी लगाने और रैलियां निकालने के लिए कह रहे हैं, लेकिन आरएसएस ने स्वतंत्र भारत और तिरंगे को खारिज कर दिया था। आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइज़र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मांग की थी कि देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा नहीं बल्कि भगवा हो।
लोगों के जवाब
अभिनव शुक्ला नाम के ट्विटर यूजर ने कमेंट किया गया कि एजेंटों द्वारा बीजेपी पर हमला बोलना स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, ताकि जनता को बेवकूफ बनाकर रखा जा सके। रवि नाम के एक यूजर ने दावा किया – पता कर लीजिए कि 7 लोगों की समिति में नेहरू थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश का झंडा केसरिया होना चाहिए। जिसके बाद गांधी ने मना कर दिया था। आशीष पांडे नाम के एक यूजर ने लिखा – इसमें गलत क्या था? जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था तो
देश का राष्ट्रीय ध्वज भी तो भगवा होना चाहिए था।