दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी की डिग्री और शिक्षा को लेकर लगातार हमला कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार, 1 अप्रैल को भी प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि पढ़ा लिखा आदमी नाली से गैस निकालने की बात नहीं करेगा, ‘बादल के पीछे राडार नहीं पकड़ पायेगा’ ऐसी बातें नहीं करेगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा लगता है कि उन्हें विज्ञान के बारे में जानकारी नहीं है। इतना ही नहीं, सीएम केजरीवाल ने कहा कि जनता के मन में दूसरा यह सवाल है कि हो सकता है डिग्री फर्जी हो।
गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर क्या बोले CM?
प्रेस कांफ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कम पढ़ा लिखा होना गुनाह नहीं है। हाई कोर्ट के ऑर्डर ने प्रधानमंत्री के शिक्षा को लेकर संशय को और बढ़ा दिया है। लोगों को जवाब नहीं मिला पाया कि पीएम कितने पढ़े लिखे हैं। केजरीवाल ने कहा कि अगर डिग्री है और सही है तो दिखाई क्यों नहीं जा रही है? डिग्री न दिखाए जाने से दो सवाल दिमाग में आ रहे है, पहला- हो सकता है कि इनके अंदर अहंकार हो कि ये कौन होते हैं डिग्री मांगने वाले?, जनतंत्र में इस तरह का अहंकार ठीक नहीं है। दूसरा- ये हो सकता है कि डिग्री ही फर्जी हो।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। @VibhutiSinghIND यूजर ने लिखा कि क्या एक मुख्यमंत्री इतना अयोग्य है, जो Gujarat University और EC की वेबसाइट पर जाके एक डिग्री तक नहीं देख सकता.? @irahulharoli यूजर ने लिखा कि क्या दिल्ली की जनता ने आपको प्रधानमंत्री जी की डिग्री देखने के लिए चुना है? @arunB84 यूजर ने लिखा कि ये घुमा–फिराकर कहना चाहते हैं कि विपक्ष के सारे दल मिलकर इन्हें पीएम पद का उम्मीदवार बना दें। इस देश में ये सबसे ज्यादा पढ़े–लिखे नेता हैं! एक यूजर ने लिखा कि प्रधानमंत्री को अपनी डिग्री दिखाने में दिक्कत क्या है?
एक यूजर ने लिखा कि सवाल तो पूछा ही जाना चाहिए, इसमें गलत क्या है? नौकरी मांगने जाओगे तो बताना तो पड़ेगा कितने पढ़े लिखे हो? एक यूजर ने लिखा कि अगर पढ़ाई-लिखाई के हिसाब से पीएम चुने जाते तो आज पीएम मैं होता, पीएम ना होता तो भी किसी बड़ी पोस्ट पर जरूर होता। @jdupasane यूजर ने लिखा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उन करोड़ों मतदाताओं को ये सब समझाना जिन्होंने मोदी जी को भारत का दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया है और अब आप सबकी कोशिशों के कारण तीसरी बार भी बना देंगे।
बता दें कि सीएम केजरीवाल ने फिर दोहराया कि ‘प्रधानमंत्री को एक ही दिन में सैकड़ों फ़ैसले लेने होते हैं, अगर वे पढ़े नहीं होंगे तो अधिकारी उनसे कहीं भी दस्तख़त करा लेंगे। जैसे नोटबंदी हुई, जीएसटी लागू हुआ, इनसे अर्थव्यस्था का बेड़ा गर्क हुआ। सीएम केजरीवाल ने पूछा कि अनपढ़ देश कैसे तरक़्क़ी करेगा। हमारा अधिकार है कि हम प्रधानमंत्री के बारे में जानकारी ले सकें।