केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) के एक बयान की खूब चर्चा हो रही है। 28 जनवरी को तिरुवनंतपुरम में उत्तरी अमेरिका में बसे मलयाली हिंदुओं की ओर से आयोजित ‘हिंदू सम्मेलन’ का उद्घाटन करने पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan on Hindu) ने कहा है कि आप मुझे हिंदू कह सकते हैं, भारत में पैदा होने वाला हर व्यक्ति हिंदू है। केरल राज्यपाल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की टिप्पणियां सामने आ रही हैं।
क्या बोले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान?
केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने कहा कि सर सैयद अहमद खान ने एक बार कहा था कि मुझे नहीं लगता कि हिंदू एक धार्मिक शब्द है, यह एक भौगोलिक शब्द है। जो कोई भी भारत में पैदा हुआ है, यहां पैदा हुआ भोजन करता है या भारतीय नदियों का पानी पीता है, वह हिंदू कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपको मुझे हिंदू कहना चाहिए, औपनिवेशिक काल में हिंदू, मुस्लिम और सिख जैसी शब्दावली का इस्तेमाल करना बिल्कुल ठीक था क्योंकि अंग्रेजों ने नागरिकों के सामान्य अधिकारों को तय करने के लिए समुदायों को आधार बनाया था।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर लोग आरिफ मोहम्मद खान के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। AIMIM नेता शौकत अली ने जवाब देते हुए लिखा कि सबसे पहले उनको हिंदू धर्म अपना लेना चाहिए बाक़ी इस देश का कोई धर्म नहीं है, ना ही भारत किसी के अब्बा की जागीर है। @RAVIRAN16999424 यूजर ने लिखा कि इस हिसाब से भारत मे हिंदुओ की आबादी 135 करोड़ हुई, क्या ऐसा लिख सकते हैं?
@sandeep1175 यूजर ने लिखा कि भारतीय नहीं हो सकता क्या? फिर अब तक राज्यपाल ने हिन्दू धर्म अपनाकर अपना नाम आत्मा राम क्यों नहीं रखा? @ShakirR31072802 यूजर ने लिखा कि राज्यपाल बनने के बाद अब राष्ट्रपति बनने की सोच रहे हैं, इसीलिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। @Abyaz_K यूजर ने लिखा कि इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि आरिफ मोहम्मद खान सितंबर 2019 में केरल के गवर्नर बने थे। कार्यकाल ख़त्म होने में सिर्फ एक साल बाकी रह गया है,आगे की तैयारी भी तो करनी पड़ेगी भाई।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए केरल के राज्यपाल ने कई मुद्दों पर बात की, उन्होंने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) की आलोचना करते हुए कहा कि भारत के सौ टुकड़े करने की सोच रखने वाले परेशान हैं, इसलिए वे इस तरह के नकारात्मक प्रचार कर रहे है। भारत गरीब देश नहीं था, इसीलिए बाहर से लोग भारत की संपत्ति के लालच में यहां आए थे। हम दक्षिण एशिया में गरीबी के प्रतीक बन गए लेकिन अब ऐसा नहीं है।