अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर सुखियों में हैं। शत्रुघ्न सिंहा को टीएमसी ने आसनसोल लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने अग्निमित्रा पॉल को 3,03,209 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत दर्ज की है। अखिलेश यादव ने शत्रुघ्न सिन्हा को इस जीत पर बधाई दी है।
अखिलेश यादव ने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि “टीएमसी के प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा जी ने आसनसोल लोकसभा से 3 लाख से भी अधिक वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी को हराकर जो ऐतिहासिक जीत हासिल की है। उसके लिए उन्हें और सुश्री ममता बनर्जी जी के कुशल नेतृत्व को हार्दिक बधाई! भाजपा का विधानसभा उपचुनाव की सभी सीटें हारना बड़ा संकेत है।”
अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। रजनीश सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अखिलेश यादव जी 2019 के लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा की लगभग 3 लाख के भारी अंतर से शर्मनाक हार भी हुई थी। याद है या संकेत के चक्कर में भूल गए?’ मनोज जोशी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आपका UP विधानसभा चुनाव चारों खाने चित्त होकर हारना किस बात का संकेत है और अभी-अभी UP विधान परिषद के चुनाव में एक सीट भी नहीं जीत पाना कौन सा संकेत है?’
संजीव राय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्यों भैया जी, यहां आपको ईवीएम में गड़बड़ी नहीं दिखी और ना ही दिखी जनता में टीएमसी के गुंडों खौफ? क्योंकि आपकी मानसिकता भाजपा को हराना है, जनता को जिताना नहीं?’ मुख्तार आलम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप खुश तो हैं ना? भाजपा हर उपचुनाव हारती है और मुख्य चुनाव जीतती है और जीतती रहेगी, जब तक EVM है।’
हैप्पी सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘वैसे तो आपका एमएलसी चुनाव में 0 पर रहना भी आपके और आपके पार्टी के लिए बहुत बड़ा संदेश है।’ बरुण कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये संकेत हमने यूपी चुनाव में भी देख लिया है!’ मेहता जी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘भाई साहब हमारे देश में विपक्ष इतने संकेतो में ही खुश हो जाता है, कुछ दिन पहले चार राज्यो में भाजपा की सरकार बनी है, उसमें उत्तरप्रदेश भी था, वो किसके संकेत थे? थोड़े समझदार बनो और मेहनत करो।’
शशि शेखर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सही बात है अखिलेश जी, भाजपा का चार राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतना किसी बात का संकेत नहीं था लेकिन उपचुनाव में हारना बड़ा संकेत है।’ श्रीकुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘एक मुहावरा याद आ गया कि बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। यार आप अपनी पार्टी को देखो, कहां जा रही है, घर की बहू कहां जा रही है, चाचा कहां जा रहे हैं? हद है भाई।’