सामजवादी पार्टी के नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद से ही सोशल मीडिया यूजर्स और कई नेताओं के निशाने पर हैं। ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य सवाल उठाने वाले लोगों पर लगातार हमला कर रहे हैं। वह सोशल मीडिया (Social Media) पर खूब एक्टिव नजर आ रहे हैं। उन्होंने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और अंग्रेजों का जिक्र करते हुए एक ट्ववीट किया। जिस पर लोगों ने कई तरह के जवाब दिए हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कही यह बात
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर लिखा,””इंडियंस आर डाग” कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में गांधी जी से किया था, वह दर्द गांधी जी ने ही समझा था। उसी प्रकार धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं व शुद्र समाज में आने वाले आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को की जाती हैं, उसका दर्द भी महिलायें और शुद्र समाज के लोग ही समझ ता हैं, गाली देने वाला गाली की पीड़ा नहीं समझ सकता।”
लोगों के रिएक्शन
अनूप मौर्य नाम के एक फेसबुक यूजर ने लिखा- आप बीजेपी के बी टीम का काम कर रहे हैं। बीजेपी जो चाहती है, वही आप करते हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार का मुद्दा खत्म हो गया है। कृष्ण नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि मतलब आप दूसरे गांधी जी बन रहें है। वैसे दलितों पिछड़ो का अपमान तो सदियों से होता आया है। 5 साल भाजपा की सरकार थी। उसमें मे भी कंही ना कंही दलितों पिछड़ो का अपमान हुआ होगा। तब आप काहे नही बोले, तब आप चुप क्यों थे?
@Imahadev92 नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया- गांधी का दिया हुआ नाम “हरिजन” बोलने पर भी SC ST एक्ट लग जाता है। इतना अधिकार संविधान ने दिया है, यदि ऐसे लोगो को “पंडित” कहना शुरू कर दो तो आगे चल कर ये भी उनको अपमानसूचक लगने लगेगा। ये तब होता है जब खुद इंसान अपने को शुद्र मानने लगे वरना गर्न्थो में तो कर्म से जाति बताया गया है। @Vikram_G_Singh नाम के एक यूजर ने लिखा कि टिप्पणियों के पीछे यदि “धर्म” है तो आपकी बिटिया ऐसे धर्म का झण्डा ढोने वालों कि पार्टी में क्यों है?आप की बिटिया उस पार्टी को त्यागपत्र देकर आपके संघर्ष का समर्थन क्यों नहीं कर रही है? आप अपना परिवार सम्भल नहीं पा रहे हैं और 85% कि “आवाज़” होने का दम भर रहे हैं?
जानकारी के लिए बता दें कि विवादित बयान को लेकर चर्चा में आये स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोलते हुए बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जिस संविधान के प्रथम पृष्ठ पर भगवान राम का चित्र बना हुआ है और उस संविधान को मानने वाले अगर भगवान राम को मानने से इनकार करते हैं तो ऐसे लोगों को वीजा, पासपोर्ट लेकर दूसरे देश चले जाना चाहिए।