तिरंगे वाले डोरमेट और गांधीजी वाली चप्पलों का पाकिस्तानी एंकर ने उड़ाया मजाक, कहा- अमेजन से मंगाए, पैरों से खूब मसलूंगा
इसके अलावा भी अपने करीब घंटे भर के शो में उन्होंने भारत को लेकर बेहद घटिया बातें कहीं।

पाकिस्तान और भारतीय मीडिया में अपने अपने देश को लेकर जुनूनी बात करना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार एक पाकिस्तानी एकंर ने बेहद शर्मनाक बात कह दी। पाकिस्तान के न्यूज चैनल बोल टीवी के एकंर डॉ लिकायत ने भारत को लेकर बेहद आपत्तिजनक बातें कही है। पिछले दिनों बिहार में हुए नाबालिग के साथ रेप केस का हवाला देते हुए उन्होंने भारत को बलात्कारी भारत कहा। इसके बाद डॉ लियाकत ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर भी बेहद घटिया बात कही। उन्होंने अपने शो में पिछले दिनों अमेजन के साथ हुए विवाद का हवाला देते हुए वीडियो में करीब 38वें मिनट पर वो कहते हैं कि कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज वाले पाएदान और गांधी वाली चप्पलें मैंने मंगाई है और मैं इसे यहीं(स्टूडियो) में रखूंगा और खूब पैरों से मसलूंगा। इसके अलावा भी अपने करीब घंटे भर के शो में उन्होंने भारत को लेकर बेहद हल्की बातें कहीं। दरहसल पिछले दिनों मीडिया में खबर आई थी कि अमेजन भारतीय राष्ट्रीय ध्वज वाले पाएदान बेच रहा है। इस बात पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आपत्ति करते हुए ट्वीट किए थे। बाद में एक दूसरी खबर सामने आई जिसमें पता चला कि अमेजन में गांधी जी के चेहरे पे छपी चप्पलें भी बेची जा रही है। वैसे ये पहले बार नहीं है इससे पहले भी ये एंकर पीएम मोदी को लेकर बेहद आपत्ति जनक बात कह चुका है।
इसके अलावा पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि मशहूर अभिनेता ओमपुरी की ‘तकिए से दम घोंटकर हत्या की गई है।’ भारत में ओमपुरी की मौत को लेकर कुछ अटकलें लगी हैं जिनमें कहा गया है कि शायद उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं हुई। एक अपुष्ट रिपोर्ट में कहा गया कि उनका शव नग्न अवस्था में मिला था और उनके सिर पर चोट के निशान थे। पाकिस्तानी मीडिया में बिना किसी प्रमाण के ये खबरें भी आईं हैं कि अब अभिनेता सलमान खान और फवाद खान की भी हत्या की जा सकती है। पाकिस्तानी मीडिया में ओमपुरी की ‘हत्या’ का दावा इस बात के आधार पर किया गया है कि वह नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ थे। हालांकि यह सही नहीं है। ओमपुरी ने पिछले साल सितंबर में जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों का बहिष्कार करने का विरोध किया था और एक बार भारतीय जवानों की कुर्बानियों को लेकर कहा था कि ‘क्या उन्हें किसी ने सेना में शामिल होने को बाध्य किया था’।
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