कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान बीजेपी और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला था। राहुल गांधी द्वारा कही गईं कई बातों को लेकर विवाद खड़ा हो गया और भाजपा के नेताओं, सरकार के मंत्रियों ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर पलटवार करना शुरू कर दिया। इसी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आचार्य प्रमोद ने ट्विटर पर लिखा कि ‘कुछ भी कहो, राहुल गांधी के वार से पूरी सल्तनत हिल जाती है।’ सोशल मीडिया पर लोग आचार्य प्रमोद के इस ट्वीट पर अपनी राय दे रहे हैं। मीनाक्षी श्रियां ने लिखा कि ‘आचार्य होकर ये सब क्यों करना पड़ता है?’ राजेश सिंह ने लिखा कि ‘इसे वार नहीं! बल्कि अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना कहते हैं बाबा!’ मंजू नाम की यूजर ने लिखा कि ‘हिंदुस्तान में तो लोकतंत्र है, सल्तनत तो मुस्लिम राजाओं को होती है, आप कहां की बात कर रहे हैं?’
एलबी सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जिस तरह राहुल विदेशी धरती पर देश विरोधी बातें करते हैं, यही कारण होता है कि कांग्रेस की जमानत जब्त होने का और कहते हैं कि EVM हैक हो गई, आगे भी जमानत ही जब्त करवाना है आचार्य जी?’ हीरा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘राहुल गांधी देश को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते, सत्ता की लालसा ने कांग्रेस को कितना गिरा दिया है। जो मोदी विरोध में देश का विरोध करने लगे हैं और आप जैसे लोग ताली बजा कर समर्थन करते हैं।’
एक यूजर ने लिखा कि ‘बीजेपी 45 साल तक विपक्ष में रही लेकिन लंदन में जाकर भारत विरोधी बात नहीं की, बीजेपी ने कभी मानसिक संतुलन नहीं खोया।’ जीतेंद्र प्रताप सिंह ने ‘सल्तनत’ शब्द पर आपत्ति जताते हुए लिखा, ‘महाराज जी क्या आपको अब भी इस देश के लोकतांत्रिक सरकार की जगह इस्लामिक आक्रान्ताओं की बर्बर सल्तनत ही नजर आ रही है? ये लोकतंत्र का अपमान है। राहुल गांधी सिर्फ इस्लामिक सल्तनत तक ही सीमित हैं, सनातन को हिलाने की अभी हिम्मत दुनिया में किसी के अन्दर नहीं है।’
बता दें कि राहुल गांधी ने लंदन में कहा था कि ‘बीजेपी ने पूरे देश में केरोसिन छिड़क दिया है। बस के चिंगारी लगाने की देरी है, इसके बाद पूरा भारत जल उठेगा।’ राहुल गांधी ने कहा, ‘हम मानते हैं कि देश में हर जाति, धर्म के लोगों को सुविधाएं मिले और आरएसएस-बीजेपी चाहती है कि लोगों को सुविधाएं कर्म,जाति के आधार पर मिले। उन्होंने कहा, एक विपक्ष के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि संस्थान आरएसएस और एक विचार के कब्जे में ना रहें।’