पिछले कई दिनों से बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (Acharya Dhirendra Shastri) की खूब चर्चा हो रही है। उनके द्वारा बताये जाने वाली बातों को लेकर लोग हैरानी जता रहे हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास कह रहे है तो कुछ लोगों का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री के पास कुछ ऐसी शक्तियां हैं जिससे वह लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। इस पर मचे विवाद के बीच स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने भी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज कर दिया है।
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को फिर मिली चुनौती
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand Saraswati About Bageshwar Dham) ने बागेश्वर धाम को लेकर कहा कि चमत्कार करने वाले आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के लिए हम फूल बिछायेंगे, आओ हमारे घरों और मठों में दरारें आ गईं हैं, उसे ठीक कर दो। हम फूल बिछाकर उन्हें लेकर आयेंगे और पलकों पर बिठाकर उन्हें वापस भेजेंगे। दिखाओ ना चमत्कार, पूरे देश की जनता चाहती कि चमत्कार हो। उन्होंने कहा कि जनता की भलाई में अगर कोई चमत्कार होगा तो हम भी जय-जयकार करेंगे।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का यह वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @askrajeshsahu यूजर ने लिखा कि हिंदू धर्म शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जैसे महान लोगों से भरा है। लेकिन लोगों को जादू पसंद है। इसलिए वह ऐसे बाबाओं के पास चले जाते हैं जिनके पास न बात करने का सलीका है और न कोई ज्ञान। सिर्फ खीझते हुए चिल्लाना जानते हैं।
@AAPNareshBalyan यूजर ने लिखा कि दशकों तक कड़ी तपस्या कर कोई महान प्राणी शंकराचार्य बनते हैं, अब भाजपाई इन्हे भी गलत कहेंगे और फर्जी गालीबाज को सही। हमारे सनातन के सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा ने किया है। @meetmali19 यूजर ने लिखा कि वैसे तो शंकराचार्य हमारे भगवान को भी चुनौती दे सकते हैं कि भगवान जोशीमठ की दरारें भरा दें और अगर भगवान उस जोशीमठ की दरारें नहीं भर पाये तो क्या भगवान ढोंगी बाबा हो जाएंगे?
वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर में इस वक्त बागेश्वर धाम ( Bageshwar Dham ) कथा और दरबार कर रहे हैं। इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा कि जोशीमठ खत्म हो रहा है उसे बचा लेना चाहिए। बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को एक के बाद के चैलेंज मिल रहे हैं। नागपुर से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।