चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर हाल में ही बात को लेकर चर्चा जोरों पर थी कि वह कांग्रेस के साथ जा सकते हैं। इस चर्चा को विराम देते हुए प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट के जरिए साफ किया कि वह कांग्रेस के साथ नहीं जा रहे हैं। अब वह 2 अक्टूबर से बिहार में पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं। इन्हीं तमाम विषयों को लेकर प्रशांत किशोर ने हाल में ही एक टीवी चैनल से चर्चा की।
जहां उनसे सवाल किया गया कि बीजेपी को कैसे हराया जा सकता है? इसके जवाब में प्रशांत किशोर द्वारा कहा गया कि पेट्रोल पंप पर कई व्यक्ति यह कहते हुए दिखाई देते हैं कि महंगाई नहीं है। उनका कहना होता है कि इससे देश का निर्माण हो रहा है। बीजेपी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वह इस बात को बताने में सफल रहे हैं कि राष्ट्र निर्माण के लिए हम सबको कुछ ना कुछ करना है।
उन्होंने विपक्ष की विफलता का कारण बताते हुए कहा कि इसे विपक्षी दल काउंटर नहीं कर पा रहे हैं। एंकर ने उनसे पूछा कि क्या बीजेपी को हराया नहीं जा सकता है? प्रशांत किशोर ने कहा, ‘ बीजेपी सारे चुनाव जीत नहीं रही है, बीजेपी को अन्य दलों ने कई राज्यों में हराया है और उसे 40% वोट मिल रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि मोदी की छवि, बीजेपी का नेतृत्व और संघ के साथ के बावजूद भी बीजेपी को केवल 40% वोट दिया गया।
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इसका मतलब 100 में से 60 लोग इनकी नीतियों से प्रभावित नहीं थे। प्रशांत किशोर ने बताया कि अगर बीजेपी को हराना है तो हराया जा सकता है। आप देश में उठ रहे मुद्दे को किस तरह से आगे ले जा पाते हैं, यह विपक्ष के ऊपर है। जब प्रशांत किशोर से सवाल किया गया कि आप राजनीति में लोगों का भरोसा कैसे जीत पाएंगे?
चुनावी रणनीतिकार ने बताया कि जनता का भरोसा जीतने के लिए कार्य तो करना ही पड़ेगा। आने वाले समय में जो भी चीजें मेरे द्वारा की जाएगी, जनता उस आधार पर मुझ पर भरोसा करेंगी। उन्होंने दूसरी नेताओं का जिक्र किए जाने पर कहा कि मैं तो अभी राजनीति में आया भी नहीं हूं, दूसरे लोग राजनीति के बहुत मझे हुए खिलाड़ी हैं। प्रशांत किशोर से पीएम नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच जब अंतर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे दोनों ही नेताओं के साथ काम करने में कभी भी कोई दिक्कत नहीं हुई।