समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya) द्वारा रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। बीजेपी नेताओं (BJP) ने स्वामी प्रसाद के बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को घेरते हुए कई तरह के सवाल किये हैं। इस मुद्दे पर हो रही एक टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद (Acharya Pramod) ने सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया (Anurag Bhadouria) से सवाल किया कि क्या वह स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयान से सहमत हैं?
आचार्य प्रमोद ने सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया से किये ऐसे सवाल
”आज तक’ न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम ‘हल्ला-बोल’ में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि हमारे धर्म और आस्था पर कोई इस तरह की बयानबाजी करे, हमारे रामचरितमानस के पन्ने फाड़े और जलाये। अनुराग भदौरिया आज किसी पार्टी में हैं, कल किसी पार्टी में जा सकते हैं लेकिन रामचरितमानस कल भी थी और आगे भी रहेगी। इस बात पर अनुराग भदौरिया ने कहा कि रामचरितमानस में ही लिखा गया है कि ईश्वर कण-कण में है, तो ईश्वर को क्यों ढूंढा जा रहा है।
इस दौरान आचार्य प्रमोद ने सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया से सवाल किया गया कि क्या स्वामी प्रसाद का बयान और उनके समर्थकों द्वारा रामचरितमानस की प्रतियां जलाना सही है? अनुराग भदौरिया ने जवाब में कहा,”ये स्वामी प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत बयान है और पार्टी की ओर से भी कह दिया गया है कि यह पार्टी का बयान नहीं है। इस तरह के बयान से मैं भी बिलकुल सहमत नहीं हूं।
सोशल मीडिया यूज़र के रिएक्शन
टीवी डिबेट के इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूज़र्स ने कई तरह के रिएक्शन दिए हैं। कुछ लोगों ने सपा पर निशाना साधा है तो कुछ लोगों ने कांग्रेस नेता से सवाल किये हैं। @RamyagyaNisad नाम के एक यूजर ने लिखा,”5000 वर्षों से धार्मिक किताबें पढ़ रहे हैं, किसी की दशा नहीं सुधरी, धर्म में न उलझाए। जो भी मिला पवित्र ग्रंथ भारतीय संविधान से मिला है। @VirendraSharmaK नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया- देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया। एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा। @BhlDUGAR नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि बड़ा विवाद तो कांग्रेस व सपा में होगा, मुस्लिम वोट की खातिर।
@SonuGup14177452 नाम के एक यूजर लिखते हैं कि आर्थिक आधार पर आरक्षण हो जाए तो शायद समस्या का समाधान हो सकता है।@jagram_bhardwaj नाम के एक ट्विटर हैंडल से सपा कटाक्ष करते हुए लिखा गया,”नकारात्मक सोच के समाजवादी भगवान राम का अपमान करने केलिए सदैव तत्पर रहते हैं। @Shiwesh नाम के एक यूजर ने लिखा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर खुल कर सामने नहीं आ रही, क्या राहुल गांधी भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सहमत हैं?