देशभर के सरकारी अस्पतालों की रैंकिंग में टॉप 10 अस्पतालों में अकेले यूपी के नौ अस्पताल शामिल हैं। यह रैंकिंग सरकारी अस्पतालों की स्कैन एंड शेयर मॉडल के आधार पर तैयार की गई है। इस उपलब्धि के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है। वहीं सोशल मीडिया पर तमाम लोग यूपी की इस उपलब्धि पर सवाल उठा रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने दी बधाई
टॉप टेन सरकारी अस्पतालों की सूची में सिर्फ छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) के रायपुर (Raipur) स्थित एम्स को ही जगह मिल पाई है। इसके अलावा सभी अस्पताल उत्तर प्रदेश के ही है। इस उपलब्धि के लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थय मंत्री ब्रजेश पाठक ने शिक्षा विभाग के लोगों को बधाई दी है और कहा है कि ये सब हमारे संयुक्त प्रयासों को नतीजा है। हालांकि सोशल मीडिया पर लोग इस पर तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
@Arun2981 यूजर ने लिखा तो उत्तर प्रदेश के लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली क्यों आते हैं?@vivekkumar84 यूजर ने लिखा कि कहने में क्या जाता है? एक यूजर ने लिखा कि मतलब सारे AIIMS भी कूड़े के ढेर और बेकार हैं फिर वहां सारे नेता क्यों लाइन लगाए रहते हैं? अशोक नाम के यूजर ने लिखा कि यह भी एक झूठ से कम नहीं है। यह कह देने से UP के लोग खुश हो जाएंगे।
एक यूजर ने लिखा कि लगता है कि जॉर्ज सोरोस की अंतर्राष्ट्रीय साजिश की वजह से यूपी का दसवां अस्पताल भी टॉप 10 में शामिल होने से रह गया। पुष्पेंदर नाम के यूजर ने लिखा कि सर्वे करने वाली कंपनी पर कार्रवाई मुकम्मल है गुजरात को पीछे दिखाने की हिम्मत कैसे हुई। @SamajseviAmrita यूजर ने लिखा कि 10 में से 9 अस्पताल यूपी के टॉप टेन में हैं, तो फिर देश गुजरात मॉडल का ढोल क्यों बजाए? गुजरात मॉडल तो फटा पोस्टर निकला।
बता दें कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अब एक जिला एक अस्पताल योजना का असर दिखने लगा है लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिलने लगी है। हमें मिलकर प्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में नंबर वन बनाना है। स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही ब्रजेश पाठक लगातार यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की बात कह चुके हैं और सरकारी अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर खुद परिस्थितियों का जायजा लेते रहते हैं।